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कर्म महान

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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कर्म
महान है,
भूलता इंसान है
फल देता
कर्म।

कर्म
महान है,
फिर इन्सान है
अनजान,
कर्म।

कर्म
करते चलो,
जो फल मिला है
समझो है,
कर्म।

कर्म
महान है,
गुमान नहीं कर
धन पर,है
कर्म।

कर्म
महान है,
जो भाग्य लिखा है
मिला वो है
कर्म।

कर्म
महान है,
भाग्य से ज्यादा
नहीं देता है,
कर्म।

कर्म
महान है,
धर्म पथ चल राही
कहता है
कर्म।

कर्म
महान है,
माता सेवा करना
फल दे देगा
कर्म॥

परिचय–श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है।

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