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कवि सम्मेलन के आनंद संग ‘प्रज्ञान-विश्वम’ का अंक लोकार्पित

नई दिल्ली।

लब्ध-प्रतिष्ठित साहित्यिक वैश्विक संस्था अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति ने निर्बाध १ हजार १० दिन सफल प्रसारण का कीर्तिमान बनाकर अपना २ दिवसीय दसवाँ प्लैटिनम जयंती समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर इनकी बहुराष्ट्रीय पत्रिका ‘प्रज्ञान-विश्वम’ का लोकार्पण किया गया।

समारोह का उद्घाटन अंतर्राष्ट्रीय ख्यात समाजसेवी व सुलभ आंदोलन के संस्थापक अध्यक्ष पद्मभूषण डॉ. विन्देश्वर पाठक ने किया। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक (भारत सरकार) प्रो. डॉ. रमेश चन्द्र गौड़ रहे। संस्था की बहुभाषी पत्रिका के होली विशेषांक का लोकार्पण भी किया गया। अध्यक्षता कर रहे विख्यात कवि एवं पत्रकार पंडित सुरेश नीरव ने कहा कि, साहित्यिक जगत में एक शून्य-सा व्याप्त हो गया है। प्रज्ञान विश्वम इस शून्य को भरने का एक नन्हा-सा प्रयास है। प्रो. गौड़ ने ऐसी संस्थाओं की सांस्कृतिक आवश्यकता को रेखांकित किया। पंडित नीरव की अध्यक्षता में विश्वस्तरीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन का आरंभ डॉ. विन्देश्वर पाठक के मधुर गीत से हुआ। रचनाकारों सरिता शर्मा, आशुतोष कुमार, बैंगलुरू से गीतकार ज्ञानचंद मर्मज्ञ, दिनेश दवे आदि ने भी कविता पाठ किया। इसका विश्वभर के सुधि श्रोताओं ने आनंद लिया। संचालन कोलोन (जर्मनी) से डॉ. शिप्रा शिल्पी ने किया।

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