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केदारनाथ-एक सफर खास

क्रिश बिस्वाल
नवी मुंबई(महाराष्ट्र)
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एक सफर खास हो,
जिगरी यार साथ हो
हाथ में चाय का गिलास हो,
और सामने केदारनाथ हो।
केदारनाथ तक का सफर हो,
और साथ में तुम हमसफर हो
तारों से भी चाँदनी रात हो,
तुम साथ बैठो और सामने केदारनाथ हो।
स्वर्ग कहूँ या केदारनाथ,
बात तो एक ही है
मैं इश्क़ लिखूं तो,
तुम केदारनाथ समझ लेना।
बीमार जिंदगी दवा मांग रही है,
यह रूह केदारनाथ की हवा मांग रही है
मैंने ढूंढा सुकून दुनिया में जा के,
पर मिला मुझे वह सिर्फ,
केदारनाथ में जा के॥

परिचय-क्रिष बिस्वाल का साहित्यिक नाम `ओस` है। निवास महाराष्ट्र राज्य के जिला थाने स्थित शहर नवी मुंबई में है। जन्म १८ अगस्त २००६ में मुंबई में हुआ है। मुंबई स्थित अशासकीय विद्यालय में अध्ययनरत क्रिष की लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति की भावना को विकसित करना है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैं। काव्य लेखन इनका शौक है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-‘हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।’

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