कुल पृष्ठ दर्शन : 301

You are currently viewing चन्द रिश्तों की बानगी है तू…

चन्द रिश्तों की बानगी है तू…

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
***********************************

ज़िन्दगी के सफ़र में,
रिश्तों की बड़ी अहमियत है
कुछ पल में यहां थोड़ी-सी दिखती,
सहूलियत है।

सहूलियत से,
एतबार न हो जाए यहां
यही जिंदगी में खूब,
तकलीफ़ देने लगती है
मजबूरियां भी,
इस डगर पर खूब करतब
दिखलाने लगती है।

आओ हम-सब मिलकर,
रिश्तों पर शिद्दत से
गुपचुप तरीके से,
यहां खूब गुफ्तगू करें
ज़िन्दगी के सफ़र में,
रूबरू होने के लिए
हम मिल बैठकर,
मस्ती से गप्पों के सफ़र में
डूबते आगे ख़ुशी से,
झूमते रहें।

जिन रिश्तों को,
आपकी मौजूदगी से
परहेज़ होने की,
गन्ध मिलने लगे
वहां से मुस्कुराते हुए,
निकल जाने में ही भलाई है
ज़िन्दगी के फलसफे में,
यह सबसे बेहतरीन सफ़ाई है।

रिश्तों की गर्माहट महसूस,
करने का सलीका भी चाहिए
नमूना मिसाल से,
गुफ्तगू करते हुए
पहचानने का इल्म भी,
बेहद जरूरी है।
चन्द रिश्तों की बानगी है तू,
इसे शिद्दत से पहचानना भी,
आज़ बन चुकी,
मजबूरी है॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

 

Leave a Reply