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जल की हर बूंद अमृत

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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जल ही कल….

एक-एक बूंद की कीमत है,
जल की हर बूंद यहां अमृत है।

सदियों से यह है न्यारी,
घर-घर में है खूब प्यारी।

कुआं पूजन एक संस्कार है,
अमृत धारा खूब खुशियाँ अपार है।

नदियाँ हैं देवी समान यहां,
घर-घर में अभिमान यहां।

नदियों का तट है अपूर्व स्थान,
संस्कार संग मिलता सम्मान।

गंगा-जमुना व सरस्वती है रूप,
जल का पवित्र श्रंगार स्वरूप।

प्राकृतिक सौंदर्य यहां, रस है यहां श्रंगार,
जीवन मंत्र में खुशहाली लाने का आधार।

जल संरक्षण सम्वर्द्धन पर चर्चाएं होती है कहां,
यहीं है जीवन में खुशहाली का सबसे प्यार बड़ा।

आओ हम-सब मिलकर एक जलधारा की बात बताएं,
जीवन-शैली में बदलाव लाने को हम सब अब यहां जल बचाएं॥

परिचय–पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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