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जातिगत आरक्षण का खेल घातक

अमल श्रीवास्तव 
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)

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आज जहां देश को ‘सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास’ वाली राजनीतिक व्यवस्था की महती आवश्यकता है,एवं जाति,पंथ,मजहब आधारित चली आ रही पद्धति के खात्मे की जरूरत है,वहीं जातिगत आरक्षण का खेल निश्चित ही देश के लिए घातक है। ऐसी स्थिति में पिछड़ा वर्ग को इसकी गंभीरता को समझना होगा। ये संख्या,ज्ञान,बुद्धि,धन,देशभक्ति,बाहुबल सभी क्षेत्रों में समर्थ और सशक्त हैं। इसके अलावा अभी तक एसटी-एससी जैसे काले कानूनों से ओबीसी के ही भाई-बहन ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा आरक्षण की सीमा (१४ से २७ फीसदी तक)उनकी संख्या के अनुपात में नगण्य है तथा क्रीम स्तर के चलते सबको इसका लाभ भी नहीं मिलता,परन्तु सामान्यतया उन्हें भी एससी,एसटी की ही तरह आरक्षित मान लिया जाता है,जो किसी भी स्वाभिमानी के लिए दुखद स्थिति है। यह बात चाहे-अनचाहे हीन भावना से ग्रस्त करती है।
हकीकत यह भी है कि,इस तरह की सुविधाओं का लाभ सिर्फ कुछ गिने-चुने लोग ही उठा पाते हैं, यह बात उप्र में मुलायम सिंह यादव और बिहार में लालू प्रसाद यादव के परिवार को देखकर समझी जा सकती है,इसलिए ओबीसी के भाईयों को ऐसी किसी भी तरह की समाज को बाँटने वाली कार्यवाही का विरोध करना चाहिए। इन्हें सवर्ण समाज के साथ एकजुट होकर जातिगत आरक्षण तथा एससी-एसटी अधिनियम जैसे काले कानूनों का विरोध करना चाहिए।
उम्मीद है कि,ओबीसी वर्ग के सभी देशभक्त इस पर विचार करेंगे और देश-समाज की एकता-अखंडता के लिए अपना अमूल्य योगदान देंगे।

परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव हैL `अमल` इनका उप नाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैL जन्म म.प्र. के कटनी जिले के ग्राम करेला में हुआ हैL गणित विषय से बी.एस-सी.करने के बाद ३ विषयों (हिंदी,संस्कृत,राजनीति शास्त्र)में एम.ए. किया हैL आपने रामायण विशारद की भी उपाधि गीता प्रेस से प्राप्त की है,तथा दिल्ली से पत्रकारिता एवं आलेख संरचना का प्रशिक्षण भी लिया हैL भारतीय संगीत में भी आपकी रूचि है,तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत में डिप्लोमा प्राप्त किया हैL इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स मुंबई द्वारा आयोजित परीक्षा `सीएआईआईबी` भी उत्तीर्ण की है। ज्योतिष में पी-एच.डी (स्वर्ण पदक)प्राप्त की हैL शतरंज के अच्छे खिलाड़ी `अमल` विभिन्न कवि सम्मलेनों,गोष्ठियों आदि में भाग लेते रहते हैंL मंच संचालन में महारथी अमल की लेखन विधा-गद्य एवं पद्य हैL देश की नामी पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैंL रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी केन्द्रों से भी हो चुका हैL आप विभिन्न धार्मिक,सामाजिक,साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े हैंL आप अखिल विश्व गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। बचपन से प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कृत होते रहे हैं,परन्तु महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रथम काव्य संकलन ‘अंगारों की चुनौती’ का म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा प्रकाशन एवं प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा द्वारा उसका विमोचन एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय द्वारा सम्मानित किया जाना है। देश की विभिन्न सामाजिक और साहित्यक संस्थाओं द्वारा प्रदत्त आपको सम्मानों की संख्या शतक से भी ज्यादा है। आप बैंक विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. अमल वर्तमान में बिलासपुर (छग) में रहकर ज्योतिष,साहित्य एवं अन्य माध्यमों से समाजसेवा कर रहे हैं। लेखन आपका शौक है।

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