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जीवन जीने की उत्तम शिक्षा

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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विश्व कविता दिवस विशेष…

कविता क्या है ?
यह यक्ष प्रश्न बन,
सबसे कुछ पूछ रहा है
मनोभावों की बातों को,
मजबूती से गूंथ रहा है।

भरत मुनि से है प्रारंभ,
कविता का इतिहास बड़ा पुराना है
सौन्दर्य भाव को जागृत करता,
दर्शन जाना-पहचाना है
भाव शब्द व ध्वनि सौंदर्य का,
दिखता ताना-बाना है।

रस, आनन्द, अनुभूति और रमणीयता,
इसके सुन्दर और स्नेहिल रंग हैं
कविता जीवन जीने की,
उत्तम शिक्षा व संस्कार है
ऊंचे आदर्श, पवित्र धारणा व
अटल आस्था को,
धारण करने की देती उर्जा और शक्ति।
सुन्दर और स्नेहिल भाव से सना,
सबसे खूबसूरत उपहार है॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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