एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’
गोरखपुर(उत्तर प्रदेश)
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जै जै जै अम्बे मातु भवानी,
माँ दुर्गा जग कल्याणी!
जै जै जै अम्बे मातु भवानी,
माँ दुर्गा जग कल्याणी!!
मनोकामना की तू माता,ममता का आँचल,
वात्सल्य की मूरत-सूरत,महिमा की माता रानी!
जै जै जै अम्बे मातु भवानी,
माँ दुर्गा जग कल्याणी!!
दुष्ट विनाशक भय भंजक माँ शेरों वाली,
जै जै जै अम्बे मातु भवानी!
माँ दुर्गा जग कल्याणी!!
सूर्योदय संध्या तक तेरी सेवा भक्ति,
रात्रि जागरण की आराधना,तू देवी-देवों की शक्ति!
जै जै माँ जोता वाली,
जै जै जै अम्बे मातु भवानी!
माँ दुर्गा जग कल्याणी!!
संतानों की रक्षक,सकल मनोरथ पूरन करती,
सुख,शांति,सम्मान की लक्ष्मी!
जै जै जै अम्बे मातु भवानी,
माँ दुर्गा जग कल्याणी!!
परिचय-एन.एल.एम. त्रिपाठी का पूरा नाम नंदलाल मणी त्रिपाठी एवं साहित्यिक उपनाम पीताम्बर है। इनकी जन्मतिथि १० जनवरी १९६२ एवं जन्म स्थान-गोरखपुर है। आपका वर्तमान और स्थाई निवास गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) में ही है। हिंदी,संस्कृत,अंग्रेजी और बंगाली भाषा का ज्ञान रखने वाले श्री त्रिपाठी की पूर्ण शिक्षा-परास्नातक हैl कार्यक्षेत्र-प्राचार्य(सरकारी बीमा प्रशिक्षण संस्थान) है। सामाजिक गतिविधि के निमित्त युवा संवर्धन,बेटी बचाओ आंदोलन,महिला सशक्तिकरण विकलांग और अक्षम लोगों के लिए प्रभावी परिणाम परक सहयोग करते हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत,ग़ज़ल,नाटक,उपन्यास और कहानी है। प्रकाशन में आपके खाते में-अधूरा इंसान (उपन्यास),उड़ान का पक्षी,रिश्ते जीवन के(काव्य संग्रह)है तो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-भारतीय धर्म दर्शन अध्ययन है। लेखनी का उद्देश्य-समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करना है। लेखन में प्रेरणा पुंज-पूज्य माता-पिता,दादा और पूज्य डॉ. हरिवंशराय बच्चन हैं। विशेषज्ञता-सभी विषयों में स्नातकोत्तर तक शिक्षा दे सकने की क्षमता है।