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तन म्हारा लाल कान्हा न….

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’
बूंदी (राजस्थान)
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जन्माष्टमी विशेष…..

तन म्हारा लाल कान्हा न अब तो बर ले रे।
बर ले,सुमर ले,मन में धर ले रे…॥

तू मत जाण लाला राह सरल है,
चाल्यां तो चाल आगे गिरधर है।
तन म्हारा लाल…

तू मत जाण लाला तुरत मिले लो,
पाणो तो बस थारा मन सर है।
तन म्हारा लाल…

तू मत जाण लाला श्याम हठीलो,
गोप्यां तो देख उन घर घर है।
तन म्हारा लाल…

तू मत जाण लाला मथुरा को राजा,
दीनां को नाथ म्हारो मन हर है।
तन म्हारा लाल…

तू मत जाण लाला भव न तरेगी,
सारथी थारा जीवन रथ पर है।
तन म्हारा लाल…॥

परिचय–आप लेखन क्षेत्र में डी.कुमार’अजस्र’ के नाम से पहचाने जाते हैं। दुर्गेश कुमार मेघवाल की जन्मतिथि-१७ मई १९७७ तथा जन्म स्थान-बूंदी (राजस्थान) है। आप राजस्थान के बूंदी शहर में इंद्रा कॉलोनी में बसे हुए हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर तक शिक्षा लेने के बाद शिक्षा को कार्यक्षेत्र बना रखा है। सामाजिक क्षेत्र में आप शिक्षक के रुप में जागरूकता फैलाते हैं। लेखन विधा-काव्य और आलेख है,और इसके ज़रिए ही सामाजिक मीडिया पर सक्रिय हैं।आपके लेखन का उद्देश्य-नागरी लिपि की सेवा,मन की सन्तुष्टि,यश प्राप्ति और हो सके तो अर्थ प्राप्ति भी है। २०१८ में श्री मेघवाल की रचना का प्रकाशन साझा काव्य संग्रह में हुआ है। आपकी लेखनी को बाबू बालमुकुंद गुप्त साहित्य सेवा सम्मान-२०१७ सहित अन्य से सम्मानित किया गया है|

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