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“दुनिया में मेरे देश-सा कोई देश नहीं है…”

कवियित्री ममता पटेल के निवास पर जमी काव्य गोष्ठी

इंदौर।

गृह प्रवेश पर कवि मित्रों की आगवानी के साथ ही काव्यपाठ की ऐसी मनोहर स्थिति स्वतः निर्मित हुई जिससे कि कवियित्री ममता पटेल के यहां पधारे मेहमान वाह-वाह करते थके नहीं। यहाँ कवियों ने बेहतरीन रचनाएँ सुनाकर खूब आनंद दिया।
अवसर था गृह प्रवेश उत्सव का, किन्तु जहां चार कवि मिले और काव्यपाठ न हो ऐसा कहीं होता है ? सनावद निमाड़ के दीपक पगारे मोहना ने माँ सरस्वती की ऐसी मनमोहक सुन्दर वंदना सुनाई जिससे मेहमान और मेजबान दोनों ही गदगद हो गये।
उन्होंने शारदा वंदना प्रस्तुत की-हे सरस्वती,ज्ञानदायिनी,
आइये माँ आइये। हे माँ शारदे,हंसवाहिनी,आइये माँ आइये….॥
ओज कवि राहुल बजरंगी ने कविता पाठ किया-माँ भारती के चरणों में शीश हम झुकाते हैं माँ भारती की खातिर ही तो हम मरते और जीते हैं…। पीथमपुर धार के युवा कवि शुभम् पाराशर ‘शनि’ ने देशभक्ति रचना प्रस्तुत की-दुनिया में मेरे देश सा कोई देश नहीं है। रहते हैं भाईचारे से,कुछ द्वेष नहीं है…॥
युवा गीतकार जितेंद्र शिवहरे ने छंद बद्ध रचना सुनायी-दाढ़ी और मूँछ बढ़ा के युवा आ गया,सर के बालों को घुमा-फिरा के आ गया…।
काव्यपाठ उपरांत सभी कवि मित्रों ने स्नेह भोज का आनंद लिया। अध्यक्षता गीतकार दीपक पगारे मोहना ने की। आभार योगेश पाराशर ने माना।

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