बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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विघ्नहर्ता गजानंद विशेष…..
विघ्नहर्ता श्री गणेशा, देव तुम संसार के।
लाज तेरे हाथ में अब, दीन हम लाचार के॥
प्रार्थना स्वीकार करना, हे गजानन दास हम।
भक्ति करते हैं तुम्हारी, रख हृदय विश्वास हम॥
भक्त तेरे आज दर पे, आ गये थक हार के।
लाज तेरे हाथ में अब, दीन हम लाचार के॥
बुद्धि के तुम हो प्रदाता, ज्ञान हमको दीजिये।
कष्ट जो भी हैं हमारे, आप सब हर लीजिये॥
विघ्न बाधा दूर कीजै, आप सेवकदार के।
लाज तेरे हाथ में अब, दीन हम लाचार के॥
हे तनय गौरी शिवा के, काम बिगड़े सब करो।
दुःखहर्ता तुम विनायक, दुःख जन-जन के हरो॥
द्वार तेरे हैं खड़े हैं, जिंदगी से हार के।
लाज तेरे हाथ में अब, दीन हम लाचार के॥