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देश की विशेषता

डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’
मुंबई (महाराष्ट्र)
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‘मैं और मेरा देश’ स्पर्धा विशेष……..

छः ऋतुएँ आएँ जहाँ बारी-बारी,
सभ्यता व संस्कृति है सबसे भारी
भिन्नता लिए हुए अनेकता में एकता,
यही तो है मेरे देश की विशेषता…।

भिन्न-भिन्न धर्म और जाति के लोग,
खान-पान,बोलियाँ सबसे अनमोल
एक सूत्र में बँधे माला-सी सुंदरता,
यही तो है मेरे देश की विशेषता…।

रेल का जाल यहाँ हर तरफ़ बिछा हुआ,
सड़कों ने गाँव-शहर की दूरी मिटा दिया
जल औ वायु मार्ग प्रगति पथ रहा बढ़ता,
यही तो है मेरे देश की विशेषता…॥

सस्ते में वायरलेस टेलिफ़ोन प्रदान किया,
कम लागत में सुपर कम्प्यूटर भी बना दिया
सोने का सबसे बड़ा आयातक,उपभोक्ता,
यही तो है मेरे देश की विशेषता…।

शिक्षित होकर नित उन्नति कर रहा,
डिजिटल भारत बन विश्व में छा रहा
फक्र से सोने की चिड़िया कहलाता,
यही तो है मेरे देश की विशेषता…।

महिलाएँ हुईं आज हर क्षेत्र में अग्रणी,
मिस यूनिवर्स,मिस वर्ल्ड ख़ूब बन रहीं
बनतीं डॉक्टर,वक़ील,सैनिक और नेता,
यही तो है मेरे देश की विशेषता…।

खेल जगत में अद्भुत नाम कमाया,
कांस्य,रजत,स्वर्ण पदक दिलाया
आसमां में तिरंगा शान से लहराता,
यही तो है इस देश की विशेषता…।

जीना यहाँ सुख की छाँव-सा लगता,
देश का नाम रोशन करना याद रहता।
हर शख़्स देश हित नित कार्य करता,
यही तो है मेरे देश की विशेषता…॥

परिचय-डॉ. आशा वीरेंद्र कुमार मिश्रा का साहित्यिक उपनाम ‘आस’ है। १९६२ में २७ फरवरी को वाराणसी में जन्म हुआ है। वर्तमान में आपका स्थाई निवास मुम्बई (महाराष्ट्र)में है। हिंदी,मराठी, अंग्रेज़ी भाषा की जानकार डॉ. मिश्रा ने एम.ए., एम.एड. सहित पीएच.-डी.(शिक्षा)की शिक्षा हासिल की है। आप सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापिका होकर सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत बालिका, महिला शिक्षण,स्वास्थ्य शिविर के आयोजन में सक्रियता से कार्यरत हैं। इनकी लेखन विधा-गीत, ग़ज़ल,कविता एवं लेख है। कई समाचार पत्र में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैं। सम्मान-पुरस्कार में आपके खाते में राष्ट्रपति पुरस्कार(२०१२),महापौर पुरस्कार(२००५-बृहन्मुम्बई महानगर पालिका) सहित शिक्षण क्षेत्र में निबंध,वक्तृत्व, गायन,वाद-विवाद आदि अनेक क्षेत्रों में विभिन्न पुरस्कार दर्ज हैं। ‘आस’ की विशेष उपलब्धि-पाठ्य पुस्तक मंडल बालभारती (पुणे) महाराष्ट्र में अभ्यास क्रम सदस्य होना है। लेखनी का उद्देश्य-अपने विचारों से लोगों को अवगत कराना,वर्तमान विषयों की जानकारी देना,कल्पना शक्ति का विकास करना है। इनके पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचंद जी हैं।
प्रेरणापुंज-स्वप्रेरित हैं,तो विशेषज्ञता-शोध कार्य की है। डॉ. मिश्रा का जीवन लक्ष्य-लोगों को सही कार्य करने के लिए प्रेरित करना,महिला शिक्षण पर विशेष बल,ज्ञानवर्धक जानकारियों का प्रसार व जिज्ञासु प्रवृत्ति को बढ़ावा देना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-‘हिंदी भाषा सहज,सरल व अपनत्व से भरी हुई भाषा है।’

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