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देश है सर्वोच्च यहां…

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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यह सदियों से सन्देश है,
देश सर्वोच्च निवेश है
चाँद-तारों को छूने तक,
यहां मिलता उपदेश है।

सांस्कृतिक समर्पण ही,
देश का सर्वोत्तम तरीका है
धर्म पंथ निरपेक्षता यहां,
गणतांत्रिक सलीका है।

न धर्म न पंथ न ऊंच-नीच है यहां,
सामाजिक समरसता की खूबसूरत
सौंदर्य श्रंगार से सजती-संवरती
हरपल दुनिया खूब दिखती है यहां।

विदेशी संस्कृति को आत्मसात,
नहीं करते हैं यहां के लोग
बोझ शिद्दत से अपनी-अपनी संस्कृति का,
उठाते हुए मजबूती से अमल करते हैं यहां लोग।

पाश्चात्य देशों में है संस्कार यह कहां,
भारत-भारती के बुद्धिजीवी
वहां के संस्कार स्वीकारते कहां,
समरसता का यहां सुन्दर प्रवेश है।

धर्म पंथ में नहीं है यहां कोई विवाद,
इसलिए यहां देश है अब भी आबाद
चन्द लोगों की कुदृष्टि रहती है कुछ पल यहां,
मिलकर खत्म कर देते हैं सब विवाद यहां।

संविधान सम्मान की,
हृदय से अब बात हो।
ग़लत प्रपंचों पर,
मजबूती से आघात हो॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

 

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