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धरा रहे सदा यशस्वी.

प्रेरणा सेन्द्रे
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष………


शुद्ध वायु,शुद्ध वातावरण,
चारों ओर हरा-भरा।
समेट कर अनेक तत्वों को,
उपजाऊ बनाती धरा॥

मातृत्व का भाव और प्यार,
सिर्फ देना है जिसका स्वभाव।
हर मौसम में जो कष्ट सहे,
सूखे बंजरता के जो सहे घाव॥

बारिश का इंतज़ार,
जो बाँहें फैला कर करती है।
और खाद्य पदार्थों के,
भंडार जो भरती है॥

जो फले-फूले,
रहे सदा यशस्वी,
जो हर मौसम में फले-फूले,
ऐसी बने हमारी पृथ्वी॥

परिचय : प्रेरणा सेन्द्रे का निवास इन्दौर में ही है। एमएससी और बीएड(उ.प्र.) तक शिक्षित होकर आप वर्तमान में योग शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। आपने योग का कोर्स भी किया है। लेखन में आप शौकियाना हैं। श्रेष्ठ लेखन के लिए भोपाल में सम्मानित हो चुकी हैं। आपकी जन्म तिथि-१४ नवम्बर १९७१ हैl वर्तमान में इंदौर(म.प्र.) में ही रहती हैंl सामाजिक गतिविधि में आप थैलीसीमिया के लिए कार्यरत संस्था में संयुक्त सचिव पद पर सेवारत हैंl लेखन विधा में-कविता,कहानी,लघुकथा लिखती हैंl  आपको साहित्यिक संस्थाओं द्वारा शब्द शक्ति सम्मान आदि दिए गए हैं,तो विशेष उपलब्धि में जय महाकाल @ सिंहस्थ के लिए इंदौर में सम्मान,भोपाल में सम्मान और साझा संग्रह में रचना प्रकाशन के लिए सम्मान पाना हैl श्रीमती सेन्द्रे की लेखनी का उद्देश्य-अपने विचारों को लेखनी से जीवित रखना एवं दूसरों तक पहुँचाना हैl

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