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धर्म

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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ईश्वरीय उपासना व आराधना,
धर्म का नाम है
ज़िन्दगी में सफल होने के लिए,
सर्वोत्तम शुभ नाम है।

पवित्र गुणों और कर्मों का धारण,
धर्म कहलाता है
यह धर्म का संस्कार ही,
मानव को सम्पूर्ण मानव बनाता है।

मानव धर्म समस्त धर्मों का ,
सम्पूर्ण भाव और मानवीय दर्शन का मूल है
यह जन-जन तक मानवीय मूल्यों पर,
अमल करने और अपने-आपको
पूर्ण विश्वास से पूर्ण करना ही जीवन का,
सर्वश्रेष्ठ उसूल है।

धर्म एक आस्था है,
यह मनुष्य को वास्तविक मनुष्य बनाता है
जीवन पथ पर अग्रसर होने वाले,
सुन्दर सुसंस्कृत भावनाओं से
सबको अवगत कराता है,
धर्म आचरणों की संहिता है
कर्तव्यों और निर्देशों से अवगत कराता है,
मनुष्य को मनुष्य बने रहने की
उच्चतम स्तर पर ख्याति दिलाता है।

सत्य क्षमा विधा दया धर्म का अद्भुत,
सांस्कृतिक स्वरूप है
असत्य क्रोध अशिक्षा और क्रूरता,
धर्म का बेहद विकृत यहां
दिखता भिन्न-भिन्न रूप है।

धारण करने योग्य सबसे उचित धारणा,
धर्म और मजहब कहलाता है
सहिष्णुता,दया-धर्म,स्नेह सेवा,
सामाजिक गुणों को विकसित करता है।
समाज की व्यवस्था में शक्ति और क्षमता का,
तंदरुस्त तरीके से विकास कराने में
महत्वपूर्ण सन्देश के साथ,
मददगार साबित हो जाता है॥

परिचय–पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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