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नवरात्रि व शौर्य दिवस

तृप्ति तोमर `तृष्णा`
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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नवरात्रि विशेष….

माँ के अलग-अलग नौ रूपों का आगमन,
सुरमई संगीत से सज़ा है सारा चमन।

माँ के नौ दिन हँसी,खुशी का ममतामयी वातावरण,
चारों और है भजन-कीर्तन का हो गया सारा आवरण।

नौ दिन नवरात्र के अंतिम दिन विदाई,
सबके हृदय में भक्ति की ज्योत जलाई।

नवरात्र के त्योहार की अलौकिक है महिमा,
सम्पूर्ण देश में फैली माँ की अविस्मरणीय गरिमा।

हर घर में प्रज्ज्वलित है माँ की कृपा का प्रदीप्त पुंज,
घर-घर,गली-गली में है माँ के जयकारों की भीषण गूँज।

नवरात्र का नौंवा दिन,पर्व है रामनवमी,
इसके साथ ही सबके दुःखों का संहार करती विजयादशमी।

प्रभु श्रीराम ने बुराई पर अच्छाई की विजय से अपना शौर्य दिखलाया,
उसके बाद से ही सम्पूर्ण विश्व में सनातनियों ने भगवा पताका को लहराया॥

परिचय-तृप्ति तोमर पेशेवर लेखिका नहीं है,पर प्रतियोगी छात्रा के रुप में जीवन के रिश्तों कॊ अच्छा समझती हैं। यही भावना इनकी रचनाओं में समझी जा सकती है। साहित्यिक उपनाम-तृष्णा है। जन्मतिथि १६ नवम्बर एवं जन्म स्थान-विदिशा (मप्र) है। वर्तमान में भोपाल के जनता नगर-करोंद में निवास है। प्रदेश के भोपाल से ताल्लुक रखने वाली तृप्ति की लेखन उम्र तो छोटी ही है,पर लिखने के शौक ने बस इन्हें जमा दिया है। पीजीडीसीए व एम. ए. शिक्षित होकर फिलहाल डी.एलएड. जारी है। यह अधिकतर कविता लिखती हैं। एक साझा काव्य संग्रह में रचना प्रकाशन और सम्मान हुआ है। कुछ स्पर्धा में प्रथम भी आ चुकी हैं।

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