सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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नव प्रभात नव वर्ष चलो सब हिलमिल जाएँ,
चिर प्रणम्य यह धरा चलो जय भारत गाएँ
पावन गंगाजल भर मंगल कलश सजाएँ,
नव अशोक पल्लव से वंदनवार बनाएँ।
राष्ट्रनायकों का श्रद्धा से कर अभिनंदन,
स्वर्ण शस्य श्यामल धरती के भाग्य जगाएँ
तरुण अरुण से उदित हुए अब जन भारत के,
प्रमुदित हों सब शान्ति प्रीति सुख को अपनाएँ।
जन-जीवन का वैभव जागृत हो जन-गण में,
धन्य आज का नवल दिवस हम ज्योति जलाएँ
हो शान्त जाति विद्रोह वर्ग गत समर धरा पर,
संयुक्त कर्म कर विश्व एकता के गुण गाएँ।
राष्ट्रों से मिलें राष्ट्र मिलें मानव से मानव,
बन शिक्षित संपन्न समर्पित हम हो जाएँ।
नव संस्कृति आलोक समर्पित नयी दिशाएँ,
हो सकल सुलभ शुभ कार्य नवल पथ पर बढ़ जाएँ॥