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परीक्षा.. क्यों डरना ?

डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती
बिलासपुर (छतीसगढ़)
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परीक्षा के नाम से,
हर कोई डरा नज़र आता है
स्कूल-कॉलेज-विश्वविद्यालय में,
हर विद्यार्थी कुछ सहम-सा जाता है।

हर दिन अगर हम थोड़ी तैयारी करें,
तो नहीं पड़ेगा परीक्षा में भुगतना
समय रहते ही इस बात का ध्यान रखें तो,
अच्छे से बन जाता है परीक्षा में लिखना।

यह जिंदगी भी तो लेती है
हमसे रोज परीक्षा,
आरंभ से अंत तक
जिसमें हम कभी सफल तो,
कभी असफल हो जाते हैं।

जिंदगी हमसे पहले परीक्षा लेती है,
फिर खट्टे-मीठे अनुभवों का भंडार देती है
मुश्किलों, मुसीबतों से,
जूझ कर जो आगे बढ़ जाते हैं
अच्छे परिणाम से धन्य हो जाते हैं।

तो फिर क्यों डरना किसी परीक्षा से!
कर्तव्य, मेहनत और लगन से करो।
लक्ष्य पर अडिग रहो, लगे रहो,
सफल परिणाम की प्राप्ति होगी जरूर॥

परिचय- शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राध्यापक (अंग्रेजी) के रूप में कार्यरत डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती वर्तमान में छतीसगढ़ राज्य के बिलासपुर में निवासरत हैं। आपने प्रारंभिक शिक्षा बिलासपुर एवं माध्यमिक शिक्षा भोपाल से प्राप्त की है। भोपाल से ही स्नातक और रायपुर से स्नातकोत्तर करके गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (बिलासपुर) से पीएच-डी. की उपाधि पाई है। अंग्रेजी साहित्य में लिखने वाले भारतीय लेखकों पर डाॅ. चक्रवर्ती ने विशेष रूप से शोध पत्र लिखे व अध्ययन किया है। २०१५ से अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय (बिलासपुर) में अनुसंधान पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत हैं। ४ शोधकर्ता इनके मार्गदर्शन में कार्य कर रहे हैं। करीब ३४ वर्ष से शिक्षा कार्य से जुडी डॉ. चक्रवर्ती के शोध-पत्र (अनेक विषय) एवं लेख अंतर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय पत्रिकाओं और पुस्तकों में प्रकाशित हुए हैं। आपकी रुचि का क्षेत्र-हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला में कविता लेखन, पाठ, लघु कहानी लेखन, मूल उद्धरण लिखना, कहानी सुनाना है। विविध कलाओं में पारंगत डॉ. चक्रवर्ती शैक्षणिक गतिविधियों के लिए कई संस्थाओं में सक्रिय सदस्य हैं तो सामाजिक गतिविधियों के लिए रोटरी इंटरनेशनल आदि में सक्रिय सदस्य हैं।