भोपाल (मप्र)।
मनुष्य यदि अपने लक्ष्य की प्राप्ति करना चाहे तो उसके लिए निरंतर प्रयत्नशील होना चाहिए, इसी के तहत लेखक डॉ. अरविन्द जैन की आठवीं पुस्तक ‘स्वस्थ एवं सुखी जीवन के अनमोल सूत्र’ प्रकाशित होने के उपरांत संत शिरोमणि विद्यासागर जी महाराज जी को समर्पित की गई।
आचार्य श्री को पुस्तक भेंट करने का प्रयत्न लगभग १५ माह से किया जा रहा था, पर शिरपुर व अमरकंटक में अवसर प्राप्त नहीं हुआ। वर्तमान में चंद्रगिरी अतिशय क्षेत्र डोंगरगढ़ (छत्तीसगढ़) में चातुर्मास के दौरान आचार्य श्री को पूना से रायपुर आकर आलोक नायक एवं श्रीमती मधु नायक के साथ व्यवस्थापक किशोर जैन के सहयोग से पुस्तक भेंट की। शास्त्र भेंट के साथ पुस्तक के संबंध में आचार्य श्री से चर्चा भी की। भेंट पर उन्होंने आशीर्वाद दिया और आयुर्वेद के संबंध में कुछ जानकारी प्राप्त की। मेरे विचार का समर्थन करते हुए बोले कि, आपका प्रस्तुतिकरण बहुत अच्छा है।