ललित प्रताप सिंह
बसंतपुर (उत्तरप्रदेश)
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बेवजह मुझे तुम सताने लगी होl
क्या प्यार फिर से जताने लगी हो ?
अदायें तो लगती है ऐसी ही कुछ,
जो जुल्फें फिर लहराने लगी होl
हरदम हरपल याद आती हो तुम,
अब ऐसे दिल पर छाने लगी होl
जिन्दगी में खाये हैं धोखे बहुत,
अब मजाक तुम भी उड़ाने लगी होl
करते नहीं थे हम जो भी कभी,
अब वो ही मुझसे करवाने लगी होl
जिन्दगी ने करा है ये हाल मेरा,
कि मानो मुझको गिराने लगी होl
‘ललित’ तो है आज भी वैसा ही,
पर तुम तो बदलाव लाने लगी होll
परिचय : ललित सिंह का निवास जिला रायबरेली स्थित ग्राम बसंतपुर (उत्तरप्रदेश)में है ।वर्तमान में बीएससी की पढ़ाई के साथ ही लेखन भी जारी है । लेखन में आपको श्रृंगार विधा में लिखना अधिक पसंद है । कई स्थानीय पत्रिकाओं में आपकी रचना प्रकाशित हुई है । ललित प्रताप सिंह का साहित्यिक उपनाम-ललित है। जन्मतिथि ४ जुलाई १९९९ और जन्मस्थान-होशियारपुर(पंजाब) है।कार्यक्षेत्र में आप विद्यार्थी हैं,तो लेखन विधा-कविता और ग़ज़ल जो श्रृंगार रस में लिखना हैl प्रकाशन में श्री सिंह का साझा काव्य संग्रह शीघ्र ही आने वाला हैl आप ब्लॉग पर भी अपनी बात रखते हैंl आपकी नजर में लेखनी का उद्देश्य-हिन्दी का प्रचार करना हैl