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फिक्र

विजयसिंह चौहान
इन्दौर(मध्यप्रदेश)
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मातृ दिवस स्पर्धा विशेष…………


कल,माँ का पैर फिसल जाने के कारण हाथ की हड्डी टूट गई,इसलिए आज हाथ का ऑपरेशन होने जा रहा है। परिवार के सभी लोग स्ट्रेचर के साथ हो लिए…।
माँ का हाथ थामे ‘काकू’ माँ को दिलासा दे रहा था,छोटा-सा ऑपरेशन है। आप यूँ गए और यूँ लौट आओगे,बस आप बाबा का नाम जपते रहना।
माँ,दर्द और घबराहट के बीच पूछती है,….बेटा तूने सुबह से कुछ खाया नहीं! जा कुछ खा ले, मैं ठीक हूँ….और यह क्या! तेरा हाथ गर्म लग रहा है बेटा! डॉक्टर साहब…आप पहले इसे देखिए,कितना तप रहा है, मेरा बेटा। माँ, बेटे की चिंता करते-करते ऑपरेशन थिएटर में चली जाती है और बाहर लगा फिक्र का लाल बल्ब जल उठता है…।

परिचय : विजयसिंह चौहान की जन्मतिथि ५ दिसम्बर १९७० और जन्मस्थान इन्दौर(मध्यप्रदेश) हैl वर्तमान में इन्दौर में ही बसे हुए हैंl इसी शहर से आपने वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ विधि और पत्रकारिता विषय की पढ़ाई की,तथा वकालात में कार्यक्षेत्र इन्दौर ही हैl श्री चौहान सामाजिक क्षेत्र में गतिविधियों में सक्रिय हैं,तो स्वतंत्र लेखन,सामाजिक जागरूकता,तथा संस्थाओं-वकालात के माध्यम से सेवा भी करते हैंl लेखन में आपकी विधा-काव्य,व्यंग्य,लघुकथा और लेख हैl आपकी उपलब्धि यही है कि,उच्च न्यायालय(इन्दौर) में अभिभाषक के रूप में सतत कार्य तथा स्वतंत्र पत्रकारिता जारी हैl

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