अजय जैन ‘विकल्प
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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कदम ठिठके हैं,पर रुकेंगे नहीं,
फिर आगे बढ़ेंगे,रुकेंगे नहीं।
गर्व है देश पर,विज्ञान पर,
फिर भरेंगे उड़ान,रुकेंगे नहीं।
उतार-चढ़ाव तो है जिंदगी,
है बहुत हौंसला,रुकेंगे नहीं।
मिशन पाक हो या चन्द्रयान,
तिरंगा लहराएंगें,रुकेंगे नहीं।
विक्रम जहाँ पहुंचा,बड़ी बात,
ठान लिया जो,रुकेंगे नहीं।
हम ना हारें,ना डरें कभी,
लक्ष्य सामने,रुकेंगे नहीं।
हिम्मत नहीं हारते हम,
चलें हैं अब,रुकेंगे नहीं।
यकीं है,मंजिलें तो मिलेंगी,
हिम्मत है,रुकेंगे नहीं।
ना रुका है हिन्दुस्तान,
फिर चलेंगे,रुकेंगे नहीं।
हिम्मत हमारी हिमालय,
दृढ़ है संकल्प,रुकेंगे नहीं।
संकल्प है,जुनूं भी,
उठेंगे तो रुकेंगे नहीं।
आसमां-सी उम्मीदें,
उड़ेंगे जरूर,रुकेंगे नहीं।
एक दिन वो भी आएगा,
जीत ‘चंद्रयान’ लाएगा।
जब होंगे चाँद पर,
देशवासी मुस्कुराएंगें॥