बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
**************************************
निर्मल गंगा नीर से,मिटे सकल संताप।
पापनाशिनी सुरसरी,रक्षा करना आप॥
रक्षा करना आप,मैल को दूर हटाना।
रहे प्रदूषण मुक्त,सभी को है समझाना॥
कहे ‘विनायक राज’,बहे नित गंगा कलकल।
इसका रहे खयाल,सदा पावन हो निर्मल॥