कुल पृष्ठ दर्शन : 428

You are currently viewing ब्रह्मचारिणी

ब्रह्मचारिणी

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’
इंदौर (मध्यप्रदेश )
********************************************

भाग २…

शक्ति है तपश्चारिणी,
द्वितीया ब्रह्मचारिणी
माला, कमण्डलु धारी,
सुनती है पुकार।

ज्योतिर्मय रूप भव्य,
ब्रह्मचारिणी सुकृत्य
शिव हेतु किया तप,
नमन बारम्बार।

उमा, अपर्णा कहाती,
इच्छा रिक्त नहीं जाती
गुलदाउदी चढ़ाओ,
भक्तों को दे दुलार।

श्वेत, पीला रंग भावे,
त्रिभुवन गुण गावे
अनंत फलों को देती,
स्वप्न करें साकार।

वैराग्य, संयम वृद्धि,
विजय, सर्वत्र सिद्धि
संघर्षों से देती मुक्ति,
महिमा है अपार॥