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भविष्य निर्माता उत्पीड़न व शोषण के शिकार

वन्दना शर्मा’वृन्दा’
अजमेर (राजस्थान)

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निजी विद्यालयों में भारतवर्ष का ७० फीसदी से अधिक भविष्य तैयार हो रहा है और उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है निजी शिक्षक। निजी विद्यालय खोलने वाले भी अच्छे पूंजीपति वर्ग होते हैं,और उसमें पढ़ने वाले बच्चे भी मोटे पूंजीपतियों के होते हैं और मोटी मोटी होती है इन शालाओं की फीस,मगर क्या सरकार नहीं जानती,क्या जनता नहीं जानती कि इनमें पढ़ाने वाले शिक्षकों की तनख्वाह कितनी है ? क्या उनको नहीं पता कि वे उनके बच्चों के लिए कितनी मेहनत करते हैं ? क्या आप अनभिज्ञ हैं कि वे मामूली-सी पगार लेकर भी जी-तोड़ कोशिश करके आपके बच्चों को ९० प्रतिशत से अधिक अंक तक ले जाते हैं ?
क्या आपने यह जानने की कोशिश की कि उनका चूल्हा कैसे चलता है,
उनके बच्चे कैसे पढ़ते हैं ?
और तो और अब २ वर्ष से ‘कोरोना’ काल में तो हद ही हो गई। बेचारे निजी शिक्षकों को विद्यालय से निकाल दिया गया है। जिन्हें नहीं निकाला उनको कोई पगार नहीं,जबकि सरकार भी मजे में है और निजी शाला के संचालक भी मजे में,क्योंकि सरकार ने पूरी फीस लेने के आदेश दे दिए। संचालक पूरी फीस ले रहे हैं और अपनी जेब में रख रहे हैं,पर शिक्षकों को दिखा रहे हैं कोरोना की मार।
अनेक नुकसान दिखाने से इधर मर रहा है तो बेचारा शिक्षक। उनका चूल्हा रो रहा है,चक्की उदास पड़ी है। परिवार में मौन पसरा हुआ है, क्योंकि सभी एक-दूसरे की स्थितियों से अवगत हैं। उनके जीवन में मौन है,उत्पीड़न है,निराशा है जो उन्हें आत्महत्या करने पर मजबूर कर रही है।
निजी शिक्षकों की अनदेखी सदा से ही होती रही है,इसलिए सरकार या तो निजी विद्यालय बंद करें और यदि निजी विद्यालय संचालक और सरकार का बहुत करीबी रिश्ता है तो भी सरकार कड़े कदम उठाए।
निजी शिक्षकों की तनख्वाह भी सरकार तय करें।
यदि इस तरफ सरकार का ध्यान नहीं गया तो यह मनमानी बढ़ती जाएगी। जब एक निजी शिक्षक आवाज उठाता है,तो विद्यालय, पूंजीपति वर्ग व जनता द्वारा उन्हें नाकारा साबित किया जाता है। ऐसे लोगों से प्रश्न है कि यदि निजी शिक्षक अयोग्य हैं तो इतनी भारी-भरकम फीस देकर भी आप अपने प्यारे बच्चों को उनसे क्यों पढ़वा रहे हैं ?
और सरकारी शिक्षक इतने योग्य हैं तो आप नाममात्र की फीस में अपने बच्चों को यहां क्यों नहीं पढ़ा रहे ?
जब तक हम ठोस कदम नहीं उठाएंगे,सुधार नहीं होगा। शिक्षा,रोटी, कपड़ा,मकान के बाद महती आवश्यकता में से एक है। अतः सभी जागरूक हों और सरकार निजी शिक्षकों के पेट पर पड़े पत्थरों को हटाए।

परिचय-वंदना शर्मा की जन्म तारीख १ मई १९८६ और जन्म स्थान-गंडाला(बहरोड़,अलवर)हैL वर्तमान में आप पाली में रहती हैंL स्थाई पता-अजमेर का हैL राजस्थान के अजमेर से सम्बन्ध रखने वाली वंदना शर्मा की शिक्षा-हिंदी में स्नातकोत्तर और बी.एड. हैL आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी के लिए प्रयासरत होना हैL लेखन विधा-मुक्त छंद कविता हैL इनकी लेखनी का उद्देश्य- स्वान्तःसुखाय तथा लोकहित हैL जीवन में प्रेरणा पुंज-गुरुजी हैंL वंदना जी की रुचि-लेखन एवं अध्यापन में है|

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