मर जावां
फिल्म में कलाकार सिद्धार्थ मल्होत्रा,रितेश देशमुख,तारा सुतारिया,रकुल प्रीत सिंह तथा रवि किशन है तो निर्देशक मिलन मिलाप झवेरी हैंl संगीत तनिष्क बागची ने दिया हैl
#पहले एक चर्चा⤵
लहू और नमक की जंग तो हम देखते आ रहे हैंl सृष्टि के निर्माण के वक्त भी हाबिल-काबिल दो भाइयों की जंग देखी गई थीl यहां भी नमक और लहू की जंग देखने को मिली है,लेकिन हर बार लहू की जीत हो,इस पर संशय हैl आपने सुना ही है लैला-मजनू, हीर-रांझा ये प्रेमी मिल नहीं पाए थेl मर चुके थे,लेकिन प्रेम कहानी अमर होकर आज हमारे पास तक पहुँची हैl सस्पेंस थ्रिलर के साथ एक खलनायक की जोड़ी फिर हाज़िर हुई है-सिद्धार्थ और रितेश कीl
#एक्शन से भरपूर⤵
यह फिल्म १९९० के दशक की शोला शबनम
तथा आँखें
फ़िल्म की याद भी ताज़ा करती लगी,साथ ही फ़िल्म मकबूल
,ओंकारा
कहानी नए कलेवर में भी दिखीl मिलन इससे पहले-सत्य मेव जयते,शूट आउट एट वडाला,बना चुके हैंl इस बार रोमांटिक एक्शन थ्रिलर पर हाथ आजमा रहे हैं तो फ़िल्म नौजवानों को खास पसन्द आ सकती हैl
#कहानी⤵
अन्ना(नासेर) टेंकर किंग को नाली किनारे एक बच्चा रघु(सिद्धार्थ) पड़ा मिलता हैl अन्ना उसे पाल लेता हैl अन्ना का बेटा विष्णु(रितेश देशमुख) जो बौना
भी है,रघु से नफरत करने लगता है,क्योंकि विष्णु बौना होने के कारण उपेक्षित व्यवहार का शिकार होता रहता हैl रघु धीरे- धीरे अन्ना का खास हथियार बन जाता हैl उसे वैसी ही इज़्ज़त मिलने लगती हैl इधर,विष्णु उपेक्षित होता रहता हैl रघु धीमे-धीमे पूरी बस्ती का चहेता बन जाता हैl बार डांसर आरजू(रकुल प्रीत) भी रघु को चाहने लगती हैl इधर,बस्ती में रघु को अन्ना का वारिस माना जा रहा हैl इस बीच रघु की ज़िंदगी में कश्मीरी गूंगी लड़की ज़ोया(तारा) आ जाती है,जिससे उसकी जिंदगी बदल जाती हैl ज़ोया और रघु से विष्णु की ईर्ष्या जग जाहिर है,इसलिए विष्णु बद से बदतर हालात पैदा कर देता है तो रघु को अपने प्यार ज़ोया की हत्या करनी पड़ जाती हैl अब क्या रघु विष्णु से बदला ले पाता है,क्या रघु अन्ना की सल्तनत सम्भाल पाता है,इसके जवाब के लिए फ़िल्म देखी जा सकती हैl
#कमज़ोर कड़ी⤵
कहानी में नयापन कुछ नहीं है,बिखराव ज्यादा है तो अदाकारी कमज़ोर पड़ी हैl
🔻संगीत
गाने उम्दा बन गए हैं,फ़िल्म से पहले ही गाने मकबूलियत पा चुके हैंl तनिष्क को पूरे अंक गीत-संगीत के लिए,पर पार्श्व ध्वनि कमज़ोर रहीl
🔻फिल्मांकन
फिल्मांकन औसत रहा हैl स्थल (लोकेशन) भी ठीक-ठाक लगे हैंl
🔻अदाकारी
रितेश इस बार अतिरेक(ओवर एक्टिंग)से भरे हुए दिखे,तो सिद्धार्थ की जितनी सीमा है उससे बाहर नहीं जा पाते हैंl तारा को जितना काम मिला उसमें ही बेहतर थी वहl रकुल प्रीत को काम ही कम था,वैसे वह सबसे अनुभवी अदाकारा थी फ़िल्म मेंl
#बजट⤵
५५ करोड़ तथा १५ करोड़ यानि ७० करोड़ हैंl डिजिटल-सेटेलाइट-संगीत अधिकार कुल बिके हैं ५७ करोड़ मेंl भारत में थियेटर अधिकार २८ करोड़ और ओवरसीज ७ करोड़ यानि कुल ३५ करोड़ की कुल कमाई फ़िल्म प्रदर्शन के पूर्व ही ९२ करोड़ कर चुकी हैl पहले दिन फ़िल्म की चर्चा के साथ मशहूर हुए गानों से ९ से १४ करोड़ की शुरूआत मिलती दिख रही हैl फ़िल्म यदि ४५ करोड़ से नीचे की कमाई करती है तो नाकामयाब रहेगीl ६० करोड़ में सफल,९० करोड़ में महा सफल,१०० करोड़ प्लस में ब्लॉकबस्टर
की श्रेणी में आएगीl इस फिल्म को ढाई अंक देना उचित रहेगाl
परिचय : इंदौर शहर के अभिनय जगत में १९९३ से सतत रंगकर्म में इदरीस खत्री सक्रिय हैं,इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग १३० नाटक और १००० से ज्यादा शो में काम किया है। देअविवि के नाट्य दल को बतौर निर्देशक ११ बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में देने के साथ ही लगभग ३५ कार्यशालाएं,१० लघु फिल्म और ३ हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। आप इसी शहर में ही रहकर अभिनय अकादमी संचालित करते हैं,जहाँ प्रशिक्षण देते हैं। करीब दस साल से एक नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं। फिलहाल श्री खत्री मुम्बई के एक प्रोडक्शन हाउस में अभिनय प्रशिक्षक हैंl आप टीवी धारावाहिकों तथा फ़िल्म लेखन में सक्रिय हैंl १९ लघु फिल्मों में अभिनय कर चुके श्री खत्री का निवास इसी शहर में हैl आप वर्तमान में एक दैनिक समाचार-पत्र एवं पोर्टल में फ़िल्म सम्पादक के रूप में कार्यरत हैंl