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महान देश बनाने में योगदान दें

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’
बीकानेर(राजस्थान)
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अपना सम्मान तिरंगा…..

तिरंगा कोई कपड़े का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह हमारा राष्ट्रीय ध्वज है। इसकी आन-बान-शान की रक्षा हर भारतीय का कर्तव्य है। यही कारण है कि, हर सिपाही के मन, वचन व कर्म में यही समाया रहता है कि जान भले ही चली जाए, पर तिरंगे को कुछ भी होने नहीं देंगे। यह तो गगन पर लहराता ही रहेगा। यही भावना हम सभी में भी बलवती रहनी चाहिए।
आज जब हम आजादी की हीरक जयंती के अवसर को अमृत महोत्सव बोल कर मना रहे हैं, तब हम सभी का यह दायित्व है कि हर घर पर तिरंगा तो लहराए ही, साथ ही साथ हम संकल्पित हों। राष्ट्र उत्थान के लिए और क्या कर सकते हैं, वह संकल्प स्वयं तो लें हीं, अपने आस-पास वालों को भी प्रेरित कर संकल्पित करवाएं।
आज हमारा देश आत्म निर्भर बनने की ओर अग्रसर है। यहां भी हमें अपने देश में उत्पादित वस्तुओं को ही उपयोग में लेना है और अन्य को भी इस ओर प्रेरित करते रहना है, क्योंकि स्वावलंबन ही प्रगति का मूल मंत्र है।
अपने स्वास्थ्य के दृष्टिकोण के साथ-साथ देश की छवि निखरे, इसलिए स्वच्छता अभियान पर तन मन धन से सहयोग निरन्तर करते रहना है। सभी साथियों की सहभागिता से अधिक-से अधिक पेड़ लगाना, शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराकर एक स्वच्छ भारत का निर्माण करना है।
यह भी हमारा दायित्व है कि, सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं की पूरी-पूरी सही जानकारी से अपने आस-पास वालों को अवगत कराना है ताकि वे 21वीं सदी की प्रौद्योगिकी संचालित व्यवस्थाओं पर आधारित बुनियादी ढांचा का भरपूर लाभ उठा कर अपने नए-नए विचारों के अनुरूप सरकार की योजनाओं का लाभ लें और समाज व देश की प्रगति में अपना योगदान दें।
हमारा यह दायित्व बनता है कि हम आतंकवाद और राजनीतिक तुष्टिकरण पर जो लोग हमारे संविधान का गलत लाभ उठाते हुए हमारी प्राचीन मान्यताओं और संस्कृति पर चोट पर चोट किए जा रहे हैं, आतंकवाद को राजनीतिक संरक्षण दिए जा रहे हैं, उन सभी की मानसिकता को उजागर करते रहने के साथ प्रजातांत्रिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए अपनी सकारात्मक भूमिका अदा करते रहें।
ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जहाँ हमें अपनी सकारात्मक भूमिका, स्वयं की सुविधा, समय का ध्यान रख निभाने का पूरा पूरा प्रयत्न करते रहना है, ताकि हम हमारे देश को सच्चे अर्थों में एक महान देश बनाने में अपना ज्यादा से ज्यादा योगदान दें सकें। ध्यान रहे एक आदर्श नागरिक स्वेच्छा से अनुशासन का पालन ही नहीं करता है, बल्कि वह कायदों व कानूनों का पूरी निष्ठा से निर्वहन भी करता है। इसलिए हमें भी अपनी मातृभूमि के लिए कुछ भी कर गुजरने की तमन्ना रखनी चाहिए, क्योंकि अच्छे, ईमानदार व कर्मठ नागरिक ही देश को शक्ति संपन्न, समृद्ध व संगठित बनाते हैं।

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