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युवा खूब पुस्तकें पढ़ें, फिर विचार और दृष्टि बनाएं

इंदौर (मप्र)।

ये मेरी सबसे पसंदीदा पुस्तक है। ये पुस्तक बहुत अच्छी शोध है, संदर्भ की किताब है और इसे एक बार सभी को पढ़ना चाहिए और संग्रह में रखना भी चाहिए। जब हम बहुत सारा पढ़ते हैं, तभी हम अलग-अलग विचारों को जान पाते हैं। हमें पुस्तकें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए और फिर अपने विचार बनाना चाहिए।
‘विश्व पुस्तक दिवस’ के अवसर पर शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने युवाओं से (महाविद्यालय के विद्यार्थियों) पुस्तक पर चर्चा करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम संयोजक और पुस्तकालय प्रमुख श्रीमती लिली डावर ने बताया कि, इस कार्यक्रम में महाविद्यालयों के करीब १८० विद्यार्थियों के साथ डॉ. शर्मा ने सरस्वती नदी के उदगम, सिंधु घाटी सभ्यता, वेद आदि विषयों पर चर्चा की। उन्होंने रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की पुस्तक ‘संस्कृति के चार अध्याय’ पर विस्तृत चर्चा करते हुए युवाओं के सभी प्रश्नों के बेहद विस्तृत और संतोषजनक उत्तर दिए।

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