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‘राष्ट्र, राष्ट्रीयता एवं हिन्दी’ का प्रकाशन उत्कृष्ट क़दम

उज्जैन (मप्र)।

अंग्रेजी भाषा के प्रयोग को विकास का पर्याय मानने वाली आज की युवा पीढ़ी अपनी वास्तविक क्षमता व गुणों से दूर होती जा रही है और उसे सीखने में अपनी अधिकतम ऊर्जा व्यर्थ गँवा रही है। ऐसे में हिन्दी साहित्य भारती द्वारा काव्य रचनाओं के संग्रह ‘राष्ट्र, राष्ट्रीयता एवं हिन्दी’ का प्रकाशन अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का उत्कृष्ट क़दम है।
यह विचार विक्रम विवि (उज्जैन) के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने साहित्य भारती उज्जैन जिला इकाई द्वारा शास. कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में व्यक्त किए। सारस्वत अतिथि विवि के कुलानुशासक आचार्य शैलेंद्र शर्मा ने पुस्तक विमर्श में पुस्तक की विभिन्न रचनाओं की पंक्तियों को रेखांकित किया। डॉ. शर्मा ने पुस्तक की सम्पादक डॉ. चित्रा जैन के इस अभिन्न प्रयास की प्रशंसा की। भारती की प्रदेशाध्यक्ष डॉ. स्नेहलता श्रीवास्तव ने भारती के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला, साथ ही जिलाध्यक्ष डॉ. जैन को सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. हेमंत गेहलोत ने पुस्तक के ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज होने की बधाई दी। डॉ. शिव चौरसिया ने पुस्तक के शीर्षक की शब्दशः विवेचना करते हुए हिन्दी साहित्य के युगों एवं मूर्धन्य रचनाकारों का उल्लेख किया। कार्यक्रम में भारती मालव प्रान्ताध्यक्ष जीवन प्रकाश आर्य का विशेष सान्निध्य प्राप्त हुआ। संचालन दिनेश दिग्गज ने किया।श्रीमती मीरा जैन ने आभार माना।