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विकास की रीढ़ महिला

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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विकास की रीढ़ है महिला,
प्रगति की राह है महिला
आर्थिक विकास की धुरी है महिला,
फिर इतनी तकरार क्यों,
होता इतना अत्याचार क्यों ?
यह हमें समझना होगा,
उत्तम राह बनानी होगी
सशक्तिकरण पर बात अब जरूरी है,
उन्नत भाव संग उद्यम खूब जरूरी है।
सामाजिक,आर्थिक,राजनीतिक और फिर,
सांस्कृतिक सहभागिता
एक सुन्दर अपूर्व शुरुआत है,
उन्नति प्रगति और विकास यात्रा में
महिला सशक्तिकरण का अब,
दिखता जरूरी साथ है।
यह दृश्य यह प्रमाणित करता है कि,
प्रगति पथ पर आगे उत्तम उपहार अवश्य दिलाएगी।
सदियों से प्रयासरत महिला आज,
शिखर पर विराजमान विराजमान हो जाएगी।
महिला सशक्तिकरण की,
उत्तम सुसंस्कृत भावना को
ठेस नहीं पहुंचानी है,
यह सीख हमें उन्मुक्त व अन्तर्मन,
जगत में फिर से अपनानी है।
प्राचीनकाल की अपाला,घोषा व गार्गी की,
राह पर समाज को हमें ले जाना है।
हम-सब यहां मजबूती से उद्यम करें,
लौटाएं वह खूबसूरत दिन देकर उन्हें
समाज में देकर खूब सम्मान यहां।
शिक्षा,प्रशासन,डॉक्टरी हो या दूसरे और उद्यम,
उन्नत जागृत दिखती,अब लगता है
जैसे हो रहा है खूब प्रयास यहां।
इतिहास ने हमें सिखाया है,
करना है हम-सबको
एक मजबूत उद्यम व प्रयास यहां।
संयुक्त प्रयास से परिपूर्ण होगी,
यह जीत मजबूती से
महिला सशक्तिकरण का यह निर्णय,
उत्कृष्ट बन जाएगी अब यहां।
महिला को मिले बराबरी का अधिकार,
देती है खूब शक्ति हमें यहां।
जागृत कर देती है,
जन्म देती है एक उच्च विचार यहां।
अनदेखी न करें हम-सब अब,
सफल प्रयास करें यहां।
अनदेखी किए बिना हमें देना होगा,
उन्हें एक शीर्ष पुरस्कार यहां॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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