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विकास की लहर

सुशीला रोहिला
सोनीपत(हरियाणा)
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राजनीति बदेलगी बदलेगा हिन्दुस्तान हमारा,
सत्य का साम्राज्य होगा विश्व में हो भारत प्यारा।

भष्टाचार का तिमिर हटेगा,चहुँओर हॊगा उजियारा,
ईमानदारी की सरकार बनेगी,विकास का परचम लहराए।

योगी की छाया,मोदी का साया,साथ सदगुरू का होगा,
माया है आनी-जानी,सत्य का प्रकाश होगा।

दुर्ग की रानी है चंचल चित्त में छाई उदासी है,
सत्ता की चाबी छिन न जाए,चिन्ता दिन-रात सताती है।

अहं के अंधियारे,देख कुछ ना पाती,
हिंसा का लेकर सहारा,पार उतरना चाहती।

सदगुरू का है कहना जागे भारत देश हमारा,
सत्य अहिंसा शांति का हो भाईचारा।

आतंक का होगा अब सफाया,
सुरक्षित होगा विश्व प्यारा॥

परिचय-सुशीला रोहिला का साहित्यिक उपनाम कवियित्री सुशीला रोहिला हैl इनकी जन्म तारीख ३ मार्च १९७० और जन्म स्थान चुलकाना ग्राम हैl वर्तमान में आपका निवास सोनीपत(हरियाणा)में है। यही स्थाई पता भी है। हरियाणा राज्य की श्रीमती रोहिला ने हिन्दी में स्नातकोत्तर सहित प्रभाकर हिन्दी,बी.ए., कम्प्यूटर कोर्स,हिन्दी-अंंग्रेजी टंकण की भी शिक्षा ली हैl कार्यक्षेत्र में आप निजी विद्यालय में अध्यापिका(हिन्दी)हैंl सामाजिक गतिविधि के तहत शिक्षा और समाज सुधार में योगदान करती हैंl आपकी लेखन विधा-कहानी तथा कविता हैl शिक्षा की बोली और स्वच्छता पर आपकी किताब की तैयारी चल रही हैl इधर कई पत्र-पत्रिका में रचनाओं का प्रकाशन हो चुका हैl विशेष उपलब्धि-अच्छी साहित्यकार तथा शिक्षक की पहचान मिलना है। सुशीला रोहिला की लेखनी का उद्देश्य-शिक्षा, राजनीति, विश्व को आतंकवाद तथा भ्रष्टाचार मुक्त करना है,साथ ही जनजागरण,नारी सम्मान,भ्रूण हत्या का निवारण,हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा बनाना और भारत को विश्वगुरु बनाने में योगदान प्रदान करना है। लेखन में प्रेरणा पुंज-हिन्दी है l आपकी विशेषज्ञता-हिन्दी लेखन एवं वाचन में हैl

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