कुल पृष्ठ दर्शन : 358

You are currently viewing विवाह

विवाह

कृष्ण कुमार कश्यप
गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

**************************************************************************

चल पड़ती जीवन की गाड़ी,
जिंदगी का खूबसूरत ईंधन है।
सात जन्मों की सौगात जिसमें,
विवाह एक ऐसा पवित्र बंधन है।

अंजान एक-दूसरे से फिर भी,
नव प्रगाढ़ रिश्तों में बंध जाते हैं।
त्याग,समर्पण,स्नेह कुसुम से,
जीवन बगिया खूब महकाते हैं।

दीपक बाती बनकर जलते ये,
रौशन करते सदा घर-आँगन हैं।
भरोसा आसमानी हो गर मन में,
झर-झर झरता हर दिन सावन है।

सुंदर-सा सपना हर जीवन का,
स्वच्छ हृदय की अभिलाषा है।
दो आत्माओं का मिलना ही तो,
शुभ-विवाह की परिभाषा है॥

परिचय-कृष्ण कुमार कश्यप की जन्म तारीख १७ फरवरी १९७८ और जन्म स्थान-उरमाल है। वर्तमान में ग्राम-पोस्ट-सरगीगुड़ा,जिला-गरियाबंद (छत्तीसगढ़) में निवास है। हिंदी, छत्तीसगढ़ी,उड़िया भाषा जानने वाले श्री कश्यप की शिक्षा बी.ए. एवं डी.एड. है। कार्यक्षेत्र में शिक्षक (नौकरी)होकर सभी सामाजिक गतिविधियों में सहभागिता करते हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,कहानी और लघुकथा है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचना प्रकाशित है। प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में साहित्य ग़ौरव सम्मान-२०१९, अज्ञेय लघु कथाकार सम्मान-२०१९ प्रमुख हैं। आप कई साहित्यिक मंच से जुड़े हुए हैं। अब विशेष उपलब्धि प्राप्त करने की अभिलाषा रखने वाले कृष्ण कुमार कश्यप की लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा को जन-जन तक पहुंचाना है। इनकी दृष्टि में पसंदीदा हिंदी लेखक- मुंशी प्रेमचंद हैं तो प्रेरणापुंज-नाना जी हैं। जीवन लक्ष्य-अच्छा साहित्यकार बनकर साहित्य की सेवा करना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“मेरा भारत सबसे महान है। हिंदी भाषा उसकी शान है।”

Leave a Reply