रत्ना बापुली
लखनऊ (उत्तरप्रदेश)
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शिक्षा नदियों की सी धारा,
शिक्षा जीवन का है किनारा
शिक्षा है आधार हमारा,
शिक्षा है अधिकार हमारा।
क्षुधार्थ शिशु जब करता रोदन,
शिक्षा का तब होता रोपण
पल-पल जैसे शिशु है बढ़ता,
व्यवहार की शिक्षा है पाता।
घर शिक्षा का सार हमारा,
शिक्षा है अधिकार हमारा…
बाल अवस्था में हो गर,
गुरूकुल की सनातनी शिक्षा
प्रभु से नाता जुड़ जाता है,
आत्मिक ज्ञान कराती शिक्षा।
शिक्षा है उद्धार हमारा,
शिक्षा है अधिकार हमारा…
यह नहीं सम्मान हमारा,
होअँग्रेज़ी का ही बोलबाला
दूर करता जो देश प्रेम से,
बस रहे सभी देखो विदेश में।
यही रण अब है हमारा,
शिक्षा है अधिकार हमारा…
शिक्षा देती हमको ज्ञान,
हर चीज में है विज्ञान
नहीं किसी से हम हैं कम,
वैदिक शिक्षा में है दम।
यही हो अब प्रचार हमारा,
शिक्षा है अधिकार हमारा…॥