कुल पृष्ठ दर्शन : 334

You are currently viewing सपनों की उड़ान

सपनों की उड़ान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला(मध्यप्रदेश)

*******************************************************

उच्च रहे हरदम यहाँ,सपनों भरी उड़ान।
पर कर्मठता संग हो,तो सपनों में जान॥

उड़ना ऊँचा श्रेष्ठ है,पर रखना विश्वास।
बिना आत्मबल के यहाँ,सदा टूटती आस॥

सपनों को हिमगिरि बना,दे ऊँचा आकाश।
चूमेेगी पग जय सदा,हों बाधाएँ नाश॥

सपने जब तक नहिं बनें,सत्य भरा अहसास।
तब तक थोथी ज़िंदगी,व्यर्थ दिवस अरु मास॥

श्रम के संग ही सोहती,सपनों की बारात।
दृढ़ निश्चय,संकल्प से,मिलती है सौगात॥

सपनों की कर बंदगी,गा मंगल के गीत।
तब ही तुझे यथार्थ में,मिल पाएगी जीत॥

सपनों में आगत बसे,रहता है उजियार।
पर यदि बंदा सुस्त तो,केवल है अँधियार॥

बहुतेरों के संग है,सपनों का संसार।
पर कुछ ही निज लक्ष्य को,दे पाते हैं सार॥

सपनों को अपना बना,लक्ष्य बने अभियान।
जो सच करता स्वप्न को,पाता है सम्मान॥

नहीं पंख से हो कभी,सपनों भरी उड़ान।
संग रहे जब हौंसला,तब होता यशगान॥

परिचय-प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे का वर्तमान बसेरा मंडला(मप्र) में है,जबकि स्थायी निवास ज़िला-अशोक नगर में हैL आपका जन्म १९६१ में २५ सितम्बर को ग्राम प्राणपुर(चन्देरी,ज़िला-अशोक नगर, मप्र)में हुआ हैL एम.ए.(इतिहास,प्रावीण्यताधारी), एल-एल.बी सहित पी-एच.डी.(इतिहास)तक शिक्षित डॉ. खरे शासकीय सेवा (प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष)में हैंL करीब चार दशकों में देश के पांच सौ से अधिक प्रकाशनों व विशेषांकों में दस हज़ार से अधिक रचनाएं प्रकाशित हुई हैंL गद्य-पद्य में कुल १७ कृतियां आपके खाते में हैंL साहित्यिक गतिविधि देखें तो आपकी रचनाओं का रेडियो(३८ बार), भोपाल दूरदर्शन (६ बार)सहित कई टी.वी. चैनल से प्रसारण हुआ है। ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं(विशेषांकों)का सम्पादन कर चुके डॉ. खरे सुपरिचित मंचीय हास्य-व्यंग्य  कवि तथा संयोजक,संचालक के साथ ही शोध निदेशक,विषय विशेषज्ञ और कई महाविद्यालयों में अध्ययन मंडल के सदस्य रहे हैं। आप एम.ए. की पुस्तकों के लेखक के साथ ही १२५ से अधिक कृतियों में प्राक्कथन -भूमिका का लेखन तथा २५० से अधिक कृतियों की समीक्षा का लेखन कर चुके हैंL  राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में १५० से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति एवं सम्मेलनों-समारोहों में ३०० से ज्यादा व्याख्यान आदि भी आपके नाम है। सम्मान-अलंकरण-प्रशस्ति पत्र के निमित्त लगभग सभी राज्यों में ६०० से अधिक सारस्वत सम्मान-अवार्ड-अभिनंदन आपकी उपलब्धि है,जिसमें प्रमुख म.प्र. साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार(निबंध-५१० ००)है।

Leave a Reply