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सरगुजा की साहित्यकार अनिता द्वारा नवल छंद का आविष्कार

अंबिकापुर-सरगुजा(छग) |

अम्बिकापुर की व्याख्याता और साहित्यकार अनिता मंदिलवार ‘सपना’ ने हिन्दी साहित्य में नए छंद का आविष्कार किया है। गुरूदेव संजय कौशिक ‘विज्ञात’ के मार्गदर्शन में कलम की सुगंध छंदशाला मंच पर पंच परमेश्वर छंद मर्मज्ञों की उपस्थिति में इस ‘सपना सवैया’ छंद को मान्यता दी गई।
इस नवल छंद पर ५० से अधिक छंदकारों ने अपनी लेखनी चलाई,साथ ही गेयता का स्वर भी प्रदान किया। सभी रचनाकारों को प्रथम सृजक सम्मान से मंच द्वारा सम्मानित किया गया।
अनिता मंदिलवार ने संजय कौशिक सहित संस्था के वरिष्ठ छंदकार बाबूलाल शर्मा विज्ञ,
इन्द्राणी साहू साँची,साखी गोपाल पंडा,नीतू ठाकुर विदुषी का आभार व्यक्त किया है।
ज्ञात हो कि,साहित्यकार सपना ने दोहा शतकवीर, सोरठा शतकवीर,उल्लाला शतकवीर, चन्द्रमणि शतकवीर आदि सृजन कर सम्मान प्राप्त किया है। रोला,घनाक्षरी,मुक्तक,चौपाई,कुण्डलियाँ, गीत,नवगीत के साथ अन्य छंदों पर भी लगातार सृजन कर रही हैं। सपना के इसके पहले लगभग २५० साझा संग्रह और १० एकल संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। साहित्यिक योगदान के लिए इन्हें पहले भी बहुत बार सम्मानित किया गया है। लगभग छ: सौ से अधिक सम्मान प्राप्त श्रीमती मंदिलवार सौ से अधिक साहित्यिक संस्थानों में सेवाएं दे रही हैं।

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