ममता बैरागी
धार(मध्यप्रदेश)
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सावन आया पानी लाया,
सबके मन को इसने हर्षाया।
धरा कैसी नाच उठी है,
गगन से मिलने आतुर हो रही है।
आज चहुंओर छाई हरियाली,
खेतों में जुट गए हैं माली।
पिहु-पिहु पपीहा बोले,
तरू भी नई फोड़े कोपलें।
इस ऋतु की यही अच्छाई,
सबके दिलों में प्रेम जगाई।
कल-कल करती नदियां गाती,
आज सागर से मिलकर आती।
बजने लगे यहां मीठी शहनाई,
झूले पड़ गये,बहनों के लिए।
रक्षा बंधन का त्यौहार मनाएं,
घर-आँगन में रौनक समाई॥
परिचय-ममता बैरागी का निवास मध्यप्रदेश के धार जिले में है। आपकी जन्म तारीख ९ अप्रैल १९७० है। श्रीमती बैरागी को हिन्दी भाषा का ज्ञान है। एम.ए.(हिन्दी) एवं बी.एड. की शिक्षा प्राप्त करके कार्य क्षेत्र-शिक्षण(सहायक शिक्षक ) को बनाया हुआ है। सामाजिक गतिविधि-लेखन से जागरूक करती हैं। संग्रह(पुस्तक)में आपके नाम-स्कूल चलें हम,बालिका शिक्षा समाज,आरंभिक शिक्षा और पतझड़ के फूल आदि हैं। लेखनी का उदेश्य-समाज में जागरूकता लाना है। आपके लिए प्रेरणापुंज- पिता तथा भाई हैं। आपकी रुचि लेखन में है।