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सैनिकों को नमन

आरती जैन
डूंगरपुर (राजस्थान)
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कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष……….


कितनी माताओं
का पालना है टूटा,
संगनी की मेहंदी
का रंग है छूटाl

आज भी कहती हैं
कारगिल की सीमा,
मिट्टी में बह रहा है
सैनिक का खून धीमा-धीमाl

हस्तियों को मेरे देश
में रहने से लगता है डर,
मेरे जवान कैसे मेरे
देश पर गए मरl

नेता मनाते हैं जहाँ
हर रोज रासलीला,
मेरे सैनिकों ने बचाया
मेरा वो लाल किलाl

यहां शहादत पर आता
है सबको उंगली उठाना,
वहां मेरे सैनिकों ने मंजूर
किया सिर को कटानाl

जब-जब हमले होंगे
कारगिल,उरी और पुलवामा,
मेरे सैनिक काटेंगे सिर
चाहे हो कसाब या ओसामाl

आती है हमें भी खेलना
खून से रंगी क्रांति,
कायर हैं हम यह
मत पालना भ्रांतिl

कारगिल दिवस पर है
हर सैनिक को मेरा नमन,
अपने रक्त से किया है
जिन्होंने अंधेरी रात का दमनll

परिचय : श्रीमती आरती जैन की जन्म तारीख २४ नवम्बर १९९० तथा जन्म स्थली उदयपुर (राजस्थान) हैl आपका निवास स्थान डूंगरपुर (राजस्थान) में हैl आरती जैन ने एम.ए. सहित बी.एड. की शिक्षा भी ली हैl आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई को दूर करना हैl आपको लेखन के लिए हाल ही में सम्मान प्राप्त हुआ हैl अंग्रेजी में लेखन करने वाली आरती जैन की रचनाएं कई दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में लगातार छप रही हैंl आप ब्लॉग पर भी लिखती हैंl

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