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स्वतंत्रता दिवस पर हुई साहित्य-संध्या की काव्य-गोष्ठी

मेलबर्न (आस्ट्रेलिया)।

भारत के ७६ वें स्वतंत्रता दिवस पर भारत के प्रधान कौंसुलावास, हिंदी शिक्षा संघ के साथ साहित्य संध्या (मेलबर्न) द्वारा ऑनलाइन ‘भारत-प्रेम’ काव्य-गोष्ठी का मेलबर्न से आयोजन किया गया। इस अवसर पर कौंसुलाधीश डॉ. सुशील कुमार का रिकार्ड किया हुआ संदेश सुनाया गया। उन्होंने मुख्य अतिथि डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’ (निदेशक-वैश्विक हिंदी सम्मेलन) का विशेष तथा श्रोताओं और सभी कवियों का कौंसुलावास की और से स्वागत किया।
कार्यक्रम में उपस्थित भारत के कौंसुल शिव कुमार ने अतिथियों व कवियों को प्रधान कौंसुलवास की ओर से शुभकामनाएँ दीं। काव्य-संध्या के संयोजक एवं अध्यक्ष (हिंदी शिक्षा संघ) डॉ. सुभाष शर्मा ने मुख्य अतिथि तथा उपस्थित लोगों का स्वागत किया। शुभारंभ एस.बी.एस. हिंदी रेडियो ऑस्ट्रेलिया की उद्घोषक श्रीमती अनिता ब्रार की कविता ‘दोस्त’ के कविता-पाठ से हुआ। वेदों-पुराणों की विदुषी डॉ. मृदुल कीर्ति ने देश-प्रेम की कविता का पाठ किया। प्रमुख कवियों में सुमन जैन व मंजुला ठाकुर ने भगवान कृष्ण के बाल रूप पर कविताएँ सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। डॉ. उर्मिला मिश्रा तथा सुमन जैन ने देश-प्रेम से प्रेरित कविताओं का पाठ किया। वरिष्ठ कवि राजेंद्र चोपड़ा तथा हरिहर झा ने भारत और राष्ट्र-प्रेम से ओत-प्रोत कविताओं से श्रोताओं को जोड़ा। कवयित्री संध्या नायर ने ‘दुनिया क्या है ?’ नामक भावुकता से ओत-प्रोत अपनी कविता में साहित्यिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
मेलबर्न के जाने-माने शायर महेश जानिब ने अपनी शायरी और ग़ज़लों से जीवन के विरोधाभास पर व्यंग्य प्रस्तुत किया। गोष्ठी के अंतिम चरण में संचालक सुभाष शर्मा ने डॉ. ‘आदित्य’ का औपचारिक परिचय देकर रचना पाठ के लिए आमंत्रित किया। डॉ. गुप्ता ने देश-प्रेम से ओतप्रोत एक कविता तथा एक गीत प्रस्तुत किया, जिसमें ‘भारत’ को ‘इंडिया’ न कहने का आह्वान किया गया था। डॉ. गुप्ता ने सभी का आह्वान किया कि वे भारत की संस्कृति व ज्ञान-विज्ञान को बढ़ाने हेतु हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार के लिए हर संभव प्रयास करें।
इस अवसर पर ‘जनता की आवाज फाउंडेशन’ संस्था के अध्यक्ष सुंदर बोथरा ने साहित्य संध्या के कार्य की सराहना की। संस्था के महासचिव कृष्ण कुमार नरेडा ने भी मेलबर्न के हिंदी प्रेमियों के देशप्रेम और हिंदी-प्रेम की एवं चंद्रमणि पांडेय ने सफल आयोजन की सराहना की। अंत में संचालक डॉ. शर्मा ने सामयिक कविता ‘तिरंगा लहर-लहर लहराए’ सुना कर वातावरण को स्वतंत्रता दिवस के रंग में रंग दिया।

(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई)

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