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हमारी प्यारी हिंदी की वैश्विक चमक

मनोरमा जोशी ‘मनु’ 
इंदौर(मध्यप्रदेश) 
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‘विश्व हिंदी दिवस’ विशेष…..


एक भाषा के रूप में हिंदी हमारी पहचान है। हमारे जीवन मूल्यों,संस्कृति-संस्कार की संप्रेषक व परिचायक है। हिंदी विश्व की सहज सरल वैज्ञानिक भाषा है। हिंदी अधिक बोले जाने वाली,ज्ञानदायक, प्राचीन सभ्यता-आधुनिक प्रगति के बीच सेतु है।वंदेमातरम की शान है। हिंदी,देश का मान है,हिंदी संविधान का गौरव,भारत की आत्म-चेतना है।राष्ट्रीय भाषा के रूप में भारत की पहचान हिंदी आदर्शों की मिसाल है। हमारी हिंदी सूर और मीरा की तान भी है। हमारे वक्ताओं की शक्ति है। फूलों की खुशबूओं-सी महक है हमारी हिंदी और संपूर्ण देश में छाई है। हिंदी हमारे साहित्य पुराणों की आत्मा में बसी है। देवनागरी लिपि भी हिंदी है। माँ की बोली से प्रथम संवेदना में हिंदी ही है,परन्तु अंग्रेजी पूरे देश में छाई है। हिंदी देश की राष्ट्र भाषा होने के पश्चात हर जगह अंग्रेजी का वर्चस्व है। १४ सितम्बर १९४९ को संविधान सभा में हिंदी को संघ की राष्ट्र भाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। हिंदी अनुवाद की नहीं,बल्कि संवाद की भाषा है। ‘हिंदी दिवस’ पर सरकारी विभागों में हिंदी की प्रतियोगिता भी आयोजित होती है। भारतीय विचार और संस्कृति का वाहक होने का श्रेय हिंदी को ही
दिया जाता है। आज संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं में हिंदी की गूंज सुनाई देने लगी है। उम्मीद है कि,हिंदी को शीध्र ही राष्ट्र भाषा का दर्जा प्राप्त हो सकेगा और वैश्वीकरण के दौर में हिंदी विश्व स्तर पर प्रभावशाली बन कर उभरेगी। हम चाहेगें कि,हिंदी के कल्याण से शिष्टता का निर्माण हो। हिंदी की बिंदी से भारती का भाल चमके। हमारी हिंदी राष्ट्रीय भाषा और महान हो।

परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

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