चतुरसिंह सी.एस .’कृष्णा’
भरतपुर (राजस्थान)
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रात-भर जागता रहा उसके फोन के इंतजार में।
शायद हमीं ने देर कर दी उससे इजहार में।
सोचता हूँ तो आज भी दिल दहल जाता है,
पता नहीं क्या कमी थी हमारे किरदार में।
जरा संभल कर रहें,इत्मिनान बरतें,
चोर-उचक्कों का दबदबा है सरकार में।
बेशक मर गये पर ज़मीर जिंदा रखा हमने,
हमने बख़्शीश न ली बादशाहों के दरबार में।
सच्चाई का गला घोंटकर आज,
सरेआम झूठ बिक रहा है बाजार में।
कोई तो इत्तलहा करे इन हुक्मरानों को,
मुफ़लिसी इंसाफ के लिए खड़ी है कतार में।
तेरी बेचैनी से उसे कुछ फर्क नहीं पड़ता है,
‘कृष्णा’ धड़कनें क्यों बढ़ाता है बेकार मेंll
परिचय-चतुरसिंह का साहित्यिक उपनाम-सी.एस.’कृष्णा’ है। इनकी जन्मतिथि २२ अगस्त १९९७ तथा जन्म स्थान-गगवाना है। वर्तमान और स्थाई पता ग्राम गगवाना जिला-भरतपुर (राजस्थान)है। इन्होंने गणित में स्नातक सहित बी.एड. की शिक्षा प्राप्त की है। कृष्णा का कार्यक्षेत्र- लेखन कार्य और शिक्षा है। सामाजिक गतिविधि में समाज सुधारक की भूमिका निभाते हैं। लेखन विधा-गीत,कविता,ग़ज़ल और शायरी है। प्रकाशन में आपके नाम २ साझा काव्य संग्रह-काव्य संगम और प्रकाश अविरल धारा सहित साझा लघुकथा संग्रह-दीप देहरी पर है। इसके अलावा प्रधान सम्पादक-एहसास प्यार का(साझा काव्य संग्रह)की जिम्मेदारी निभाई है। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में सी.एस. की रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। प्राप्त सम्मान में-साहित्य गौरव,ऐरावत अलंकरण, विश्वगुरू भारत परिषद सम्मान के साथ ही श्रेष्ठ रचनाकार आदि प्रमुख हैं।