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हाय रे संस्कार

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड) 
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हाय रे संस्कार,
प्रगति में दुर्गति हो गयी…कहाँ से लाऊं प्यार,
हाय रे संस्कारl
अब बेटा ना मिलता राम-सा,
रहा ना भाई का भाई से प्यार
बात-बात पर होती सास-बहु में तकरार,
हाय रे संस्कार।

पैदा होते बेटा,बाप को कहता यार,
शिष्य कहे गुरु से-तुम्हें नहीं पता जीवन का सार
युवा कहे-दुनिया में सच्चा केवल उनका ही प्यार,
बूढ़े माता-पिता हो गये हैं अब बेकार…
हाय रे संस्कारl
प्रगति में दुर्गति हो गयी…कहाँ से लाऊं प्यार,
हाय रे संस्कार।

चौराहे की चौपाल छूटी,
छूटा सहपाठियों का प्यार
सगे-संबंधियों की बात छोड़,
फेसबुक और व्हाट्सएप पर ढूँढता सभी संसार
पैसे का मान बढ़ गया..ज्ञानी हुआ बीमार,
हाय रे संस्कारl
प्रगति में दुर्गति हो गयी…कहाँ से लाऊं प्यार,
हाय रे संस्कार।

इसमें दोष नहीं प्रगति का,
है यह अपने ही कर्मों का सार
गर्भ में ही बच्चा सुनता अब डिस्को गाना,
पैदा होते ही देखता वह अंग्रेजी प्यार
माता-पिता अब मॉम-डेड हो गए,
सोचों फिर उसमें कैसे आए सुविचार…
हाय रे संस्कारl
प्रगति में दुर्गति हो गयी…कहाँ से लाऊं प्यार,
हाय रे संस्कार।

पाना चाहते हो यदि अपना प्राचीन संस्कार,
तो बताओ गर्भ से बच्चे को रामायण का सार
समझा दें उसे बुद्ध,लक्ष्मी,शिवाजी के जीवन का आधार,
सुभाष,भगत,चंद्रशेखर,सुखदेव का स्वदेश प्यार
हाय रे संस्कारl
प्रगति में दुर्गति हो गयी…कहाँ से लाऊं प्यार,
हाय रे संस्कार,हाय रे संस्कारll

परिचय–साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैl जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैl भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैl साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैl आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैl सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंl लेखन विधा-कविता एवं लेख हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैl पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंl विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।