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प्यारा हिंदुस्तान

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड) 
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हम हैं प्यारा हिंदुस्तान
रखते हैं हम दिल में सारा जहान,
मेरे अंदर बसता केवल इंसान ही इंसान
नफरत का यहाँ तनिक नाम नहीं,
क्रोध-ईर्ष्या का यहाँ काम नहीं
स्वार्थ का यहां कोई दाम नहींl

हम हैं प्यारा हिंदुस्तान
हूँ मैं सुन्दर एक सोने-सी चिड़ियाँ,
चाहता भला मैं विश्व का पूरा-पूरा
दुष्ट फ़िरंगी देख ललचाते थोड़ा-थोड़ा,
उनका मन था बड़ा मक्कार
आया करने वह यहाँ व्यापार,
फूट डालो राज करो था उनका हथियार
देखते-देखते मुझमें बनाया अपना अधिकार।

हम हैं प्यारा हिंदुस्तान
गई छिन अब मेरी आजादी
हो गई शुरू अब यहाँ बर्बादी,
लगे छीनने फ़िरंगी अब रोज़ी-रोटी
रही ना सुरक्षित अब हमारी बहू-बेटी,
रात-दिन हमारे ऊपर उनका पहरा था
अत्याचार उनका बड़ा ही गहरा था,
उनसे लड़ने की शक्ति ना ठहरी थी।

हम हैं प्यारा हिंदुस्तान
सब लुटाकर ही मुझे आया ज्ञान
हुई अवतरित अब कई वीर संतान,
गांधीजी ने अहिंसा का तीर चलाया
जम चुकी फिरंगियों की जड़ों को हिलाया,
सुभाष-चन्द्रशेखर-भगत ने फिर
उन्हें छठी का दूध याद दिलायाl

हम हैं प्यारा हिंदुस्तान
फिरंगी गए हैं अब हमारे देश से भाग
पर मिट ना पाया है पूर्णतः गुलामी का दाग,
हैं गुलाम आज हम पूंजीपतियों के
जाति-धर्म-ऊंच-नीच और स्वार्थ के,
भ्रष्टाचार,बेरोजगार और राजनीति के
प्रदूषण,रूढ़िवादिता और घोटालों केl

हम हैं प्यारा हिंदुस्तान
करते हैं ईश्वर को हम सदा याद
उनसे है मेरी बस एक ही फरियाद,
भेजें यहाँ फिर से एक फरिश्ता
स्वतंत्र बना दें हमें आहिस्ता-आहिस्ताl
हम हैं प्यारा हिंदुस्तान…
हम हैं प्यारा हिंदुस्तानll

परिचय–साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैl जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैl भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैl साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैl आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैl सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंl लेखन विधा-कविता एवं लेख हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैl पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंl विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।

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