कुल पृष्ठ दर्शन : 229

You are currently viewing हिंदी मेरी कहानी

हिंदी मेरी कहानी

उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश) 
***************************************************

हिंदी दिवस विशेष……

हिंदी है मेरा जीवन,
हिंदी मेरी कहानी
हिंदी है मेरा जीवन,
हिंदी मेरी कहानी।
मेरे दिल में हिंदी रहना…हाए…
मेरे दिल में हिंदी रहना बन प्यार की निशानी।
हिंदी है मेरा जीवन हिंदी मेरी कहानी,
हिंदी है मेरा जीवन हिंदी मेरी कहानी॥

हिंदी की कविता ऐसे,
मिसरी घुली हो जैसे
हिंदी की कविता ऐसे,
मिसरी घुली हो जैसे।
ना इसमें कुछ कमी है,
हिंदी की ये ज़मीं है।
आया है अब ये मौसम कैसा खुमार बन के,
आया है अब ये मौसम कैसा खुमार बन के…
मेरे दिल में हिंदी रहना…हाए…
मेरे दिल में हिंदी रहना बन प्यार की निशानी।
हिंदी है मेरा जीवन हिंदी मेरी कहानी,
हिंदी है मेरा जीवन हिंदी मेरी कहानी…॥

मन का नगर था खाली,
सूखी पड़ी थी डाली
मन का नगर था खाली,
सूखी पड़ी थी डाली।
कविता की लत पड़ी तो फिर छाई हरियाली,
रिम-झिम बरस पड़े हो बन काव्य का तुम पानी
रिम-झिम बरस पड़े हो बन काव्य का तुम पानी…
मेरे दिल में हिंदी रहना…हाए…
मेरे दिल में हिंदी रहना बन प्यार की निशानी।
हिंदी है मेरा जीवन हिंदी मेरी कहानी,
हिंदी है मेरा जीवन हिंदी मेरी कहानी…॥

परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।

Leave a Reply