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दिल मिलाना चाहिए

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली
भोपाल(मध्यप्रदेश)
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(रचना शिल्प:बह्र/अर्कान-२१२२×३-२१२-फाइलातुन×३-फाउलुन)
सिलसिला यारी निभाने का चलाना चाहिए।
टूटने वाले दिलों को भी मिलाना चाहिए।

क्यों हुए तन्हा जमाने में कई हैं शख़्स जो,
उन ख़ताओं का पता हमको लगाना चाहिए।

ज़िन्दगी शिकवा-ग़िला में कीजिए जाया नहीं,
फ़र्ज जो इंसानियत का वो निभाना चाहिए।

हम यतीमों के मसीहा भी बनें बहतर यही,
बोझ उनका है जरूरी भी उठाना चाहिए।

ख़ास होने वास्ते कुछ अलहदा जो कर सकें,
ये करें तारे फ़लक से तोड़ लाना चाहिए।

मात से डर कर करें ना ज़ंग सब बुझदिल कहें,
हो फ़तह या मात फिर भी आजमाना चाहिए।

ज़िन्दगी इक इश्कदाँ के वास्ते काफी नहीं,
जो तज़ुर्बेकार कहते इक जमाना चाहिएll

परिचय–प्रदीपमणि तिवारी का लेखन में उपनाम `ध्रुव भोपाली` हैl आपका कर्मस्थल और निवास भोपाल (मध्यप्रदेश)हैl आजीविका के लिए आप भोपाल स्थित मंत्रालय में सहायक के रुप में कार्यरत हैंl लेखन में सब रस के कवि-शायर-लेखक होकर हास्य व व्यंग्य पर कलम अधिक चलाते हैंl इनकी ४ पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैंl गत वर्षों में आपने अनेक अंतर्राज्यीय साहित्यिक यात्राएँ की हैं। म.प्र.व अन्य राज्य की संस्थाओं द्वारा आपको अनेक मानद सम्मान दिए जा चुके हैं। बाल साहित्यकार एवं साहित्य के क्षेत्र में चर्चित तथा आकाशवाणी व दूरदर्शन केन्द्र भोपाल से अनुबंधित कलाकार श्री तिवारी गत १२ वर्ष से एक साहित्यिक संस्था का संचालन कर रहे हैं। आप पत्र-पत्रिका के संपादन में रत होकर प्रखर मंच संचालक भी हैं।

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