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पशुपालन की बेहतर आजीविका से आत्मनिर्भरता

डॉ.सत्यवान सौरभ
हिसार (हरियाणा)
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‘कोरोना’ संकट के कारण बाहरी प्रदेशों से बहुत से लोग वापस आए हैं और उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाना देश के सामने बड़ी चुनौती है। ऐसे में पशु पालन स्वरोजगार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हाल ही में आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज के अनुकूल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने १५ हजार करोड़ रुपए के पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड की स्थापना के लिए अपनी मंजूरी भी दी है। डेयरी क्षेत्र के लिए पशुपालन आधारभूत संरचना विकास निधि के तहत बजट पेश किया गया है। डेयरी क्षेत्र में निजी निवेशकों को बढ़ावा दिया जाएगा। डेयरी प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और मवेशियों के चारे के लिए बुनियादी ढांचे में निजी निवेशकों को जगह दी जाएगी। पशुपालन में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए यह सब होगा।
पशुपालन में गाय-भैंस के साथ ही इसका कार्यक्षेत्र बहुत ही विस्तृत है। मुर्गी पालन और यहां तक कि मत्स्य पालन भी पशुपालन के ही दायरे में आते हैं। इस क्षेत्र की खास विशेषता यह है कि इसमें कम लागत में भी काम शुरू कर के बड़े स्तर का कारोबार खड़ा किया जा सकता है। स्वरोजगार के तौर पर युवा इस क्षेत्र को चुनकर अपना भविष्य संवार सकते है। कोरोना महामारी के कारण युवा अपने गाँव वापस लौटे हैं। लौटने वालों में अधिकांश २५ से ४० साल की आयु वर्ग के हैं। इनमें से भी कम से कम ३० प्रतिशत प्रवासी वापस न जा कर यहीं अपने प्रदेश में रहना चाहते हैं। यद्यपि,उनकी आजीविका गाँवों में ही सुनिश्चित करने के लिए उन पर कोई भी व्यवसाय थोपना तो उचित नहीं, मगर उनके समक्ष पशुपालन का एक विकल्प अवश्य ही रखा जा सकता है। इसके लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत दिए जा रहे प्रोत्साहनों एवं सहूलियतों से अवगत कराए जाने की जरूरत है।
पशुधन विकास के लिए वित्त पोषण की जिम्मेदारी सरकार द्वारा ली गयी है। इसमें
जोखिम प्रबंधन बीमा के नाम से पशुधन बीमा योजना भी शुरू की गयी है। इसका उद्देश्य पशुपालकों को पशुओं की मृत्यु के कारण हुए नुकसान से सुरक्षा उपलब्ध कराना है।
केन्द्र सरकार की योजनाओं के साथ-साथ अलग राज्य सरकारें इस दिशा में काफी रूचि से काम कर रही है हाल ही में हरियाणा राज्य ने किसानों और खासकर पशुपालकों के लिए विश्वभर की पहली पशु किसान क्रेडिट योजना शुरू की है। इस योजना में किसानों को बहुत कम ब्याज दर पर ऋण दिया जा रहा है।
हरियाणा राज्य की तरह देश भर में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए नयी योजनाओं के माध्यम से पशपालकों को आर्थिक तौर पर सहायता की मुहीम चल रही है। बेरोजगार युवाओं को इसमें अपनी किस्मत अपनानी चाहिए। सरकार पशुपालन गतिविधियों को स्वरोजगार के उत्तम साधन के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर बल दे रही है। पशुपालन ऐसा ही एक क्षेत्र है,जिसे आज शहरों के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक भी अपना कर मोटी कमाई कर रहे हैं। आज यह एक अलग व्यवसाय का रूप ले चुका है और इसे न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में,बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी बेहतर कारोबार के तौर पर अपनाया जा रहा है।