मानसी श्रीवास्तव ‘शिवन्या’
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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छत्रपति शिवाजीराजे महाराज जयन्ती (१९ फरवरी) विशेष….
जो करता था धर्म की रक्षा,
मातृभूमि थी सर्वप्रथम जिसकी सर्वदा।
माता के आदर्शों का पालन,
पिता के मूल्यों का रक्षण।
ऐसे एक वीर योद्धा थे,
जिनका नाम था महाराज शिवाजी।
पंद्रह वर्ष की आयु में,
जिन्हें था सभी शस्त्र और शास्त्रों का ज्ञान।
महारथी थे नौसेना रणनीति के,
खोजकर्ता थे शिवसूत्र युद्ध नीति के।
लोग उन्हें कहते ‘जनता का नायक’,
‘छत्रपति’ कहने लगे उन्हें सभी और सब हुए सहायक।
प्रशासन और राजनीति के विशेषज्ञ,
प्रथम मराठा साम्राज्य के संस्थापक।
मुगलों की गुलामी से आजाद कर,
स्वराज की नयी रखी नींव।
जीते थे कई किले और राज्य,
हिंदुत्व जागरूक करना था जिनका कार्य।
स्त्री हो, पुरुष हो, या हो बालक,
महाराज के लिए सब एक बराबर।
सबको मिले समान अधिकार,
किसी का ना किया कभी तिरस्कार।
तोड़ी थी हर तानाशाही, बेड़ियों को,
खुल के जीने का पाठ पढ़ाया सभी को।
ऐसे वीर महाराज को शत्-शत् नमन,
इतिहास में और भविष्य में छत्रपति शिवाजी महाराज सदा है अमर॥
