कुल पृष्ठ दर्शन : 238

अपनापन

संजय जैन 
मुम्बई(महाराष्ट्र)

********************************************

दिल के झरोखों से,
प्यार झलकता है
आपकी वाणी में,
अपनापन दिखता है।
तभी तो आपसे निगाहें,
मिलाने को मन करता है
और तुम्हें दिल से,
अपनाने का मन करता है॥

कौन कहता है कि तुम,
दिल नहीं लगा सकते
और किसी को अपना,
बन नहीं सकते।
क्योंकि दोस्तों ये,
दिल का मामला है
जिसे पत्थर दिल,
निभा नहीं सकते॥

फूलों की तरह सुंदर हो,
दिल से भी सुंदर हो
इसलिए कहता हूँ कि,
तुम खिलता हुआ गुलाब हो।
तभी तो दिल करता है,
कि तुम्हें देखता ही रहूं
और अपने दिल को,
थोड़ा शीतल कर सकूं॥

परिचय–संजय जैन बीना (जिला सागर, मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं। वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। आपकी जन्म तारीख १९ नवम्बर १९६५ और जन्मस्थल भी बीना ही है। करीब २५ साल से बम्बई में निजी संस्थान में व्यवसायिक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। आपकी शिक्षा वाणिज्य में स्नातकोत्तर के साथ ही निर्यात प्रबंधन की भी शैक्षणिक योग्यता है। संजय जैन को बचपन से ही लिखना-पढ़ने का बहुत शौक था,इसलिए लेखन में सक्रिय हैं। आपकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। अपनी लेखनी का कमाल कई मंचों पर भी दिखाने के करण कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इनको सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के एक प्रसिद्ध अखबार में ब्लॉग भी लिखते हैं। लिखने के शौक के कारण आप सामाजिक गतिविधियों और संस्थाओं में भी हमेशा सक्रिय हैं। लिखने का उद्देश्य मन का शौक और हिंदी को प्रचारित करना है।

Leave a Reply