राष्ट्रीय संगोष्ठी में बताई पुस्तकालय की महत्ता
काशी (उप्र)। माधव फाउंडेशन (सारनाथ) एवं भारतीय जन जागरण समिति (उत्तर प्रदेश) के तत्वावधान में सिगरा स्थित सभागार में 'हर घर पुस्तकालय:आज की आवश्यक्ता' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन…
काशी (उप्र)। माधव फाउंडेशन (सारनाथ) एवं भारतीय जन जागरण समिति (उत्तर प्रदेश) के तत्वावधान में सिगरा स्थित सभागार में 'हर घर पुस्तकालय:आज की आवश्यक्ता' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन…
बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** ये नीला आकाश,कितना विशालकितना विस्तृत,फिर भी है क्यों उदास ?ये नीला आकाश…। असंख्य तारों औरचन्द्र के हैकितने पास,ये नीला आकाश…। पंछी करते हँसी-ठिठोली,प्रेम से बोलें मीठी…
कोलकाता (पश्चिम बंगाल)। दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्यालय गार्डनरीच में राजभाषा पखवाड़ा समापन समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अथिति ए.के. दुबे (अपर महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व रेलवे) रहे।समारोह में अरविन्द श्रीवास्तव…
मुजफ्फरपुर (उप्र)। साहित्य के प्रति पूर्णतः समर्पित शैल प्रतिमा वेब संस्थान मुजफ्फरपुर इकाई ने प्रथम काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन बुधवार को किया। शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया…
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ हम एकसाथ बैठे जिसमें,वह नौका पार लगाना हैहो भारत एक श्रेष्ठ भारत,सपना साकार बनाना है। न ही निर्धनता का क्रन्दन हो,न ही जाति-धर्म का बन्धन होजिस पर न…
दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* बचपन की वो उछल-कूद और धमाचौकड़ी,फिर कहाँ आएगी जीवन में ऐसी घड़ी। आपसी छीना-झपटी और धींगा-मस्ती,सबसे बड़ी होती है तब हमारी हस्ती। जो भी…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* गुज़रा ज़माना नहीं, वर्तमान भी होता है बुढ़ापा,सचमुच में चाहतें, अरमान भी होता है बुढ़ापा। केवल पीड़ा, उपेक्षा, दर्द, ग़म ही नहीं,असीमित, अथाह सम्मान भी होता…
नागपुर (महाराष्ट्र)। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम साहित्यिकी के अंतर्गत ७ अक्टूबर शनिवार को सीताबर्डी (नागपुर) में कवि सम्मेलन आयोजित है। प्रमुख अतिथि अजय पाठक (सदस्य, महाराष्ट्र राज्य हिन्दी…
डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** मौसी ने अंकुर को कोसने में कभी कोई कसर न छोड़ी। पारिवारिक उत्सव हो या अन्य कोई भी अवसर, अंकुर को देखते ही मौसी के…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** विधाता छँद आधारित.... दरिया प्यार का बहता सुकूँ का गुल खिला होता,बवाली जात आदम, काश! अमन से तू भरा होता। मुरव्वत से अगर रहते कज़ा हँसती हुई…