`अग्निशिशु` रहे शहीद खुदीराम बोस

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ जन्म दिवस-३दिसम्बर १८८९ विशेष............ भारतमाता की वीर सन्तान शहीद खुदीराम बोस (बंगाली उच्चारण में क्षुदीराम बोस) को श्रद्धांजलि अर्पण...। भारतमाता की महान आत्मत्यागी वीर…

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टूटे ज़रा न आस

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’ कानपुर(उत्तर प्रदेश) ***************************************************** बाल न बांका हो कभी,टूटे ज़रा न आस। पालन हारे पर रखे,मानव जो विश्वासll झेलेंगे हमले नये,खान बाजवा पाक। सूतक की अब…

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नारी की अस्मत कब तक यूँ ?

डॉ.साधना तोमर बागपत(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** कब तक मानवता शर्मशार होती रहेगी ? नारी की अस्मत यूँ नीलाम होती रहेगी। सजा मिलेगी वहशी दरिन्दों को कब, पाप कब तक ये धरती…

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बचा लो पुरूषत्व का नाम

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** बन कर बेटी जन्म लिया, क्या गुनाह कर लिया। जिंदगी मुझसे रही, औरों को मैंने जीवन दिया। फिर क्यों समाज नहीं लेता, मुझको जीने नहीं देता।…

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आत्म बोध की आत्मा का महात्मा

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** द्वैष,दंभ,घृणा नहीं, युद्ध की दे दी एक नई परिभाषा। हिंसा,हत्या,घाव, छल-छदम प्रपंच नहीं मानव को मानवता से प्रेरित, बता दी एक नयी सभ्यता। गीता…

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हममें है दम

गरिमा पंत  लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** ३ दिसम्बर 'विकलांग दिवस' विशेष......... हिम्मत से जंग जीत सकते हैं हिम्मत हो तो हम, हर जंग जीत सकते हैं। चाहे हो दिव्यांग भी, हिमालय का…

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अस्तित्व की खोज में

डॉ. सुरेश जी. पत्तार ‘सौरभ बागलकोट (कर्नाटक)  ************************************************************************* नजर चुराते, किनारहीन जीवन सागर में छोटी-बड़ी लहरों से टकराते, आकस्मिक ज्वार-भाटों से डरते। आकलन से परे गहराई के डर से, अष्ट…

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भूल मत जाना

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** भूल गई हो या भुला दिया है, याद नहीं रहा याद करना वक्त बदला है तुम न बदलो, याद है याद कर लेना। जो चाहत दिल…

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आज के रावण

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* आज के रावण खुल्ला घूमते, गलियों और चौबारों में। छाये रहते हर दिन देखो, देश के सब अखबारों में। रावण तो तब साधु वेश…

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सुबह की पहली किरण

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** सुबह की पहली किरण, हमें नई रोशनी है दिखाती जीवन का नया रास्ता है दिखाती, मन और तन में नया जोश जगाती जीवन को नया उजाला…

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