अरमान पूरे करते जाओ
सूरज कुमार साहू ‘नील` भोपाल (मध्यप्रदेश) ***************************************************************** रुको रुको अपने अरमान पूरे करते जाओl न चाहते हुए भी फरमान पूरे करते जाओl चाहिए क्या ये तो बता दो सुना नहीं…
सूरज कुमार साहू ‘नील` भोपाल (मध्यप्रदेश) ***************************************************************** रुको रुको अपने अरमान पूरे करते जाओl न चाहते हुए भी फरमान पूरे करते जाओl चाहिए क्या ये तो बता दो सुना नहीं…
सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** ज़िंदगी अनमोल है,इसको सुरक्षित रखना हमारा मानवीय कर्तव्य है। जीवन और सड़क का आदिकाल से ही अटूट रिश्ता है। प्रतिदिन सड़कों से असंख्य जिंदगियाँ गुजरती…
डॉ. स्वयंभू शलभ रक्सौल (बिहार) ****************************************************** भाग-७...... बोलपुर में शांति निकेतन,विश्वभारती और सृजनी शिल्पग्राम के भ्रमण के बाद हमारा अगला लक्ष्य कंकालितला मंदिर के दर्शन का था...l माँ काली…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** मिट्टी में गुण बहुत हैं, हरदम इसका मान करें हमें भी इसमें मिलना है, खुद पर ना अभिमान करें यह हरदम हँसती रहती है, कहीं…
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** प्यार को प्यार से जानें तो, कोई बात होती है। दिल को दिल से जानो तो, कोई बात होती है। मैं कैसे समझूँ कि तू, मुझको…
संजय गुप्ता ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** यूँ होता,यूँ ना होता,सोच-सोच कर क्या फायदा राज़ जब यह मुहब्बत में,दिल की चोट का है, मेरा दिल तो मुस्कराया है,सदा बच्चे की मानिंद कसूर…
अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ************************************************************************* वो पल वो क्षण याद आता है, रह-रह कर मुझे तड़पाता है। तेरा वो हँसना वो मुस्कुराना, दिल को मेरे बहुत भाता है। माँ माँ…
तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* यादें, आसमान से उतरी एक रात, ठहर गयी बोझिल पलकों पे। शुरू हुआ सफ़र तेरी याद की यादों का, लम्हा-लम्हा बहता गया, शुष्क आँखों से…
गोलू सिंह रोहतास(बिहार) ************************************************************** हे प्रिय! हृदय से कहना-क्या सत्य स्वभाव से सीधे हो ? या हे प्रिय! भीष्म की ही तरह तुम भी दु:ख के बाणों से बिधे हो…
सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** एक दिवस मैं नदी किनारे बैठ पेड़ की छाॅंव तले, एक अकेला सुस्ताता था धुँधलाई-सी शाम ढले। देख रहा था ढलता सूरज अपने में खोया-खोया,…